रीवा। फर्जी डाक्टरों की तदात जिला सहित प्रदेश भर में बढ़ती जा रही है, ऐसे डाक्टरों पर लगाम लगाने व डाक्टरों की विस्तृत जानकारी को इकठ्ठा करने के लिए शासन स्तर से डाटाबेस तैयार किया जा रहा है। ऑनलाइन यह डाटा शो होगा जिसमें चिकित्सकों से संबंधित पूरी जानकारी दर्ज होगी जिसको कोई भी कभी भी देख सकता है। हालांकि इसके लिए पूर्व में आदेश जारी किए गए थे लेकिन सही समय पर रीवा जिले के डाक्टरों ने जानकारी व री वैरीफिकेशन नहीं कराया। अब इसके लिए 15 जून तक का समय शासन स्तर से दिया गया है। इस समय सीमा पर वैरीफिकेशन ऑनलाइन करना होगा। बता दें कि कई जब से मप्र मेडिकल काउंसिल का गठन हुआ है तब से लेकर अब तक के डाक्टरों का डेटाबेस तैयार किया जाएगा। इससे आम लोग डॉक्टर का नाम, पता और विशेषज्ञता की जानकारी देख पाएंगे। डॉक्टर ने कब एमडी किया और कब पीजी की डिग्री हासिल की यह भी आसानी से देखा जा सकेगा। बता दें कि मप्र मेडिकल काउंसिल के गठन के बाद से एक बार पंजीयन के बाद दोबारा जिले के कई डाक्टरों की जानकारी अपडेट नहीं की गई। ऐसे में मप्र मेडिकल काउंसिल हर डॉक्टर का डेटा ऑनलाइन अपडेट करा रहा है। इससे मप्र मेडिकल काउंसिल के पोर्टल पर सभी डॉक्टरों की जानकारी मिल सकेगी।
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फर्जी पर लगेगी लगाम
स्वास्थ्य विभगा के अधिकारियों की मानें तो कई डॉक्टर ऐसे हैं जो कई डिग्रियों, डिप्लोमा की गलत जानकारी बताकर इलाज कर रहे हैं। डॉक्टरों के रिकॉर्ड को दुरूस्त करने के लिए बीते साल दिसंबर से मेडिकल काउंसिल ने री-वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन जिले के सैकड़ों डाक्टरों ने अब तक री-वैरीफिकेशन नहीं कराया है। शायद इसकी बड़ी वजह शासन स्तर से लगातार समय सीमा बढ़ाना भी है, लापरवाही पूर्वक डाक्टर बिजी होने का बहाना लगाकर री-वैरीफिकेशन नहीं करा रहे हैं। बीते वर्ष 27 सिंतबर 2021 से लगातार समयसीमा बढ़ाई जा रही है।
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मार्च 2019 के बाद का नहीं होगा
अधिकारियों के अनुसार जिन डॉक्टरों ने मार्च 2019 के बाद अपना पंजीयन कराया है उन्हें री-वेरिफिकेशन की जरूरत नहीं हैं। जिले मे सैकड़ो ऐसे डाक्टर हैं जिनका मेडिकल काउंसिल में मार्च 2019 के बाद रजिस्ट्रेशन हुआ है। बता दें कि बीच में चिकित्सक संगठनों ने कुछ कमियां इसको लेकर निकाली थी जिसको शासन स्तर से दूर किया गया लेकिन अब भी जानकारी देने से डाक्टर पीछे हट रहे हैं।
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वर्जन
ऑन लाइन जानकारी चिकित्सकों की उपलब्ध कराने डाटा मांगा गया है, कई चिकित्सक री-वैरीफिकेशन नहीं करा रहे हैं, इनको 15 जून तक का समय दिया गया है।
डॉ.एनएन मिश्रा, सीएमएचओ रीवा।
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