रीवा। केन्द्र सरकार मुम्बई से वाराणसी तक इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनाने की तैयारी कर रही है। यह इंडस्ट्रियल कॉरीडोर रीवा से होकर गुजरेगा। इसी का फायदा लेने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। बार्डर पर उद्योग लगाने के लिए उद्यमियों को तराशा जा रहा है। अधिकारियों की टीम ने वर्कशॉप किया था। युवाओं में जोश भरा था, अब उन्हें उद्योग लगाने के लिए दम भरने शनिवार को टीम फिर मऊगंज आई। मिली जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार एक लंबा इंडस्ट्रियल कॉरीडोर बनाने जा रही है। इसका ब्लू प्रिंट तैयार हो चुका है सिर्फ घोषणा होना बाकी है। अधिकारियों की मानें तो इस इंडस्ट्रियल कॉरीडोर का फायदा सबसे अधिक रीवा को मिलेगा। रीवा से होकर यह कॉरीडोर निकलेगा। ऐसे में रीवा के उद्योग और उद्यमियों को जमकर फायदा होगा। कच्चा माल और तैयार उत्पाद को खपाने के लिए मार्केट आसानी से मिल जाएगा। यही वजह है कि इंडस्ट्रियल कॉरीडोर का फायदा लेने के लिए जिले के उद्यमियों को तैयार किया जा रहा है। सबसे ज्यादा फोकस हनुमना और मऊगंज के युवाओं और व्यापारियों की तरफ है। दरअसल यह क्षेत्र यूपी से सटा हुआ है। यूपी के इन्वेस्टर्स भी इन दोनों क्षेत्रों तक आसानी से पहुंच सकते हैं। हनुमना, मऊगंज में कई यूपी के कई उद्यमी इन्वेस्ट कर चुके हैं। ऐसे में जिला प्रशासन इस क्षेत्र में अधिक जोर दे रहा है। कुछ दिन पहले ही मऊगंज क्षेत्र में निवेशकों और पूंजीपतियों के लिए एमएसएमई ने कार्यशाला का आयोजन किया था। यदि यह प्रयास सफल हुआ और इन क्षेत्रों में उद्योग लग गए तो यूपी के बड़े उद्यमी यहां खिंचे चले आएंगे। इन क्षेत्रों में उद्योग स्थापित कराकर पड़ोसी राज्यों से उद्यमियों की इंट्री कराना है। इसका फायदा वाराणसी-मुम्बई इंडस्ट्रियल कॉरीडोर से भी मिलेगा।
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