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रीवा। जिले की स्वास्थ्य सुविधा को एक बड़ी उपलब्धि मिलने जा रही है। इस उपलब्धि के बाद कई मरीजों की जान बचेगी। मेडिकल कॉलेज के अधीन एक इमरजेंसी मेडिसिन विभाग बनाया जाना है, जिसको लेकर शासन ने आदेश जारी कर दिए हैं। शासन के आदेश पर मेडिकल कॉलेज प्रबंधन द्वारा तैयारियां भी शुरु कर दी गई हैं। बता दें कि शासन ने इमरजेंसी मेडिसिन यूनिट बनाए जाने के आदेश दिए हैं। यह अस्पताल की एक ऐसी यूनिट होगी जहां इमरजेंसी केसों को रखा जाएगा और सभी सुविधाएं इसी यूनिट पर दी जाएंगी। इतना ही नहीं, हर तरह के विशेषज्ञ व स्टाफ की पदस्थापना भी इस यूनिट में की जाएगी। जिससे मरीज को हर सुविधा इमरजेंसी में एक ही यूनिट में मिल सके।
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अभी यह है सुविधा
अभी इमरजेंसी केस होने पर उसे आकास्मिक चिकित्सा विभाग में ले जाया जाता है, जहां उसे कुछ ही सुविधाएं मिल पाती हैं। केस बढऩे पर उसे संबंधित विभाग में रेफर कर दिया जाता है। परिजनों को जानकारी न होने पर वह काफी देर तक भटकते रहते हैं और विभाग में पहुंचने के बाद भी काफी समय तक उपचार नहीं मिल पाता है, जिससे कई बार मरीजों की जान पर आफत बन जाती है। कई बार विशेषज्ञ भी नहीं मिल पाते हैं।
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यह होंगी सुविधाएं
– मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर (ओटी)
– कैथ लैब (एडवांस वर्जन फॉर इमरजेंसी कार्डियक एंड न्यूरो इंटरवेंशन)
– वेंटिलेटर
– हाई एंड मॉनिटर
– यूएसजी मशीन
– सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम
– सी-आर्म मशीन
– एनेस्थीसिया वर्कस्टेशन
– डिफिब्रिलेटर
– एबीजी मशीन
– ब्रॉन्कोस्कोप
– इसीजी मशीन
– वॉर्मिंग मैट्रेस
– पैथोलॉजी लैब सेटअप
– माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री सेटअप
– फ्यूमिगेशन फॉगर्स
– ईएसएसडी विद ईटीओ
– फुली मोटराइज्ड बेड
– सेंट्रल स्टेशन
– बेड टेबिल
– मेडिकल ट्रॉली
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अभी यह है सुविधा
अभी इमरजेंसी केस होने पर उसे आकास्मिक चिकित्सा विभाग में ले जाया जाता है, जहां उसे कुछ ही सुविधाएं मिल पाती हैं। केस बढऩे पर उसे संबंधित विभाग में रेफर कर दिया जाता है। परिजनों को जानकारी न होने पर वह काफी देर तक भटकते रहते हैं और विभाग में पहुंचने के बाद भी काफी समय तक उपचार नहीं मिल पाता है, जिससे कई बार मरीजों की जान पर आफत बन जाती है। कई बार विशेषज्ञ भी नहीं मिल पाते हैं।
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यह होंगी सुविधाएं
– मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर (ओटी)
– कैथ लैब (एडवांस वर्जन फॉर इमरजेंसी कार्डियक एंड न्यूरो इंटरवेंशन)
– वेंटिलेटर
– हाई एंड मॉनिटर
– यूएसजी मशीन
– सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम
– सी-आर्म मशीन
– एनेस्थीसिया वर्कस्टेशन
– डिफिब्रिलेटर
– एबीजी मशीन
– ब्रॉन्कोस्कोप
– इसीजी मशीन
– वॉर्मिंग मैट्रेस
– पैथोलॉजी लैब सेटअप
– माइक्रोबायोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री सेटअप
– फ्यूमिगेशन फॉगर्स
– ईएसएसडी विद ईटीओ
– फुली मोटराइज्ड बेड
– सेंट्रल स्टेशन
– बेड टेबिल
– मेडिकल ट्रॉली
डॉक्टरों की होगी नियुक्ति
इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के लिए रीवा में भी प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। यहां अलग से डाक्टर व अन्य स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। विज्ञापन जारी करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जगह भी कमेटी तय करेगी। बताया गया कि इसके लिए डॉ. विष्णु पटेल को इंचार्ज बनाया है।
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वर्जन
इमरजेंसी मेडिसिन विभाग बनाया जाना है, इसके लिए प्रक्रिया जारी है। हर सुविधा इमरजेंसी के मरीजों को मिलेगी। सुविधाएं बढ़ेंगी।
डॉ. अवतार सिंह, अधीक्षक एसजीएमएच
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इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के लिए रीवा में भी प्रक्रिया शुरु कर दी गई है। यहां अलग से डाक्टर व अन्य स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी। विज्ञापन जारी करने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए जगह भी कमेटी तय करेगी। बताया गया कि इसके लिए डॉ. विष्णु पटेल को इंचार्ज बनाया है।
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वर्जन
इमरजेंसी मेडिसिन विभाग बनाया जाना है, इसके लिए प्रक्रिया जारी है। हर सुविधा इमरजेंसी के मरीजों को मिलेगी। सुविधाएं बढ़ेंगी।
डॉ. अवतार सिंह, अधीक्षक एसजीएमएच
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