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रीवा। नगर निगम प्रशासन इन दिनों एक्सन में है यह चर्चाए आम हैं, कभी अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी कार्यवाही तो कभी बकायादारों पर तालाबंदी। लेकिन इन कार्यवाहियों के बीच नगर निगम द्वारा की गई कुछ कार्यवाहियां सवालों में रहती हैं, यह वह कार्यवाहियां कहि जा रही है जो निगम द्वारा राजनैतिक दबाब में कई जा रही हैं। ऐसा चर्चाओ में कहा जा रहा है। शुक्रवार को भी निगम प्रशासन पर राजनैतिक दबाब में न्यायालय के आदेशों की धज्जियां उड़ाने का आरोप चर्चाओ में रहा। नीलम्बरा काम्प्लेक्स में कई गई दुकान सीज करने की कार्यवाही को लेकर कई तरह के सवाल खड़े किए गए व आरोप लगाए गए। हालांकि यह जांच का विषय है लेकिन पीड़ित का आरोप है कि उसका मामला न्यायालय में विचाराधीन है और निगम अधिकारियों ने राजनैतिक दबाब में जानबूझ कर न्यायालय के आदेशों की अवहेलना कर कार्यवाही की है। जिसमे वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर कार्यवाही करने वाले तक शामिल हैं। क्योंकि कार्यवाही के दौरान मेरे द्वारा निगम के राजस्व निरीक्षको को यह जानकारी दी गई थी लेकिन वह एक नही माने, और ऐसी बात कर रहे थें की जैसे यह लग रहा था कि मानो उनको बस सीज करना है और कुछ नही। यदि पीड़ित के आरोप सही है तो निगम अधिकारियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है।
क्या है मामला….
नगर निगम रीवा द्वारा किराया बकायादारों के विरूद्ध पुन: कार्यवाही शुरू की गई। निगम आयुक्त मृणाल मीना के निर्देश पर ऐसे दुकानदार जो समय पर किराया जमा नहीं कर रहे थे और अनुबंध का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके विरूद्ध राजस्व दल द्वारा तालाबन्दी एवं आवंटन निरस्तगी की कार्यवाही की जा रही है।शुक्रवार को नीलाम्बरा काम्पलेक्स की दुकान क्रमांक-03, जो डॉ. ए.एम. खान को किराये पर 35 माह के लिये आवंटित थी, उसे बकाया किराया एवं अनुबंध का उल्लंघन के कारण तालाबन्दी कर सील कर दी गई। बकायादरों के विरूद्ध कार्यवाही निरन्तर जारी रहेगी। कार्यवाही में राजस्व निरीक्षक रावेन्द्र सिंह, नीलेश चतुर्वेदी, राजेश सिंह, श्री यज्ञनारायण सोहगौरा, विनय मिश्रा, अरविन्द पाण्डेय एवं सत्यविजय सिंह आदि कर्मचारी उपस्थित रहें।
क्या है आरोप…
आरोप है कि निगम प्रशासन ने यह कार्यवाही राजनैतिक दबाब में कई है। पीड़ित ने साक्ष्य दिखाते हुए बताया है कि निगम अधिकारियों ने न्यायालय के आदेशों की अवहेलना की है। क्योंकि न्यायालय के आदेश पर उनके द्वारा दुकान का किराया न्यायालय में जमा किया जा रहा है, क्योंकि इस दुकान को लेकर मामला न्यायालय में विचाराधीन है। आरोप है कि प्रतिवादी मुजीब खान कांग्रेस नेता हैं और उनके इशारे पर ही यह कार्यवाही की गई है। जबकि न्यायालय ने किसी प्रकार का हस्तछेप न करने का आदेश दिया है। वही चर्चा अनुसार कार्यवाही करने पहुंचे राजश्व निरीक्षक भी एक ही बात कह रहे थे कार्यवाही तो उन्हें करनी ही पड़ेगी बहुत राजनैतिक दबाब है।