सतना। यह फोटो देखकर जरूर ही आप अंदाजा लगा रहे होंगे कि यह कोई बड़ा लग्जरी होटल होगा, जिसमें खाना खाना एक आम आदमी के हैसीयत से बाहर है लेकिन हम आपको बता दें कि यह कोई लग्जरी होटल नहीं है और यहां गरीब से गरीब आकर भोजन कर सकता है। यह मां की रसोई हैं, जिसे मां शारदा के भक्तों द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस रसोई में निशुल्क भोजन दिया जाता है, भोजन भी ऐसा कि बड़े-बड़े होटलों में इस प्रकार का भोजन आसानी से आपको नहीं मिलेगा। अब आपके मन में एक सवाल यह जरूर होगा कि यह मां की रसोई हैं कहा? तो हम आपको बता दें कि यह मां की रसोई मैहर धाम में हैं, जो कि ओवर ब्रिज के पार करते ही स्टेट बैंक चौराहा स्टेशन रोड चौपड़ा कांपलेक्स में स्थित है। यदि आप कभी भी मैहर धाम जा रहे हैं तो यहां जरूर जाएं क्योंकि यहां माता का प्रसाद आपको मिलेगा वह भी सेवा भाव के साथ। बता दें कि इस रसोई का संचालन पंडित धीरज पांडेय महाराजा द्वारा कराया जा रहा है जो कि मां शारदा के भक्तों के सहयोग से संचालित होती है। यहां भोजन करने पर आपको एक रुपए भी नहीं देना पड़ेगा हां आपकी श्रद्धा है तो इस रसोई के संचालन के लिए आप दान कर सकते हैं या फिर रसोई में सेवा कार्य भी जैसे प्रसाद वितरण, साफ-सफाई सहित आने-जाने वालो की सेवा जैसे कार्य किए जा सकते हैं।
प्रसाद ऐसा ही होटल फेल
बता दें कि यहां भोजन में दाल सहित तीन तरह की सब्जी, दही या फिर रायता, मीठा, दो तरह की चटनी, सलाद, रोटी सहित चावल दिया जाता है, भोजन में सब्जियों को ऋतु के हिसाब से बदला जाता है, गरम-गरम रोटियां यहां की पहचान हैं। आपको गरम-गरम रोटियां परोसी जाएगी। ठंडा या गरम पानी दोनो आपके लिए उपलब्ध है जो आपकी इक्छा हो यहां पी सकते हैं। रसोई सुबह 7 बजे से शुरु हो जाती है और जब तब आप जाएंगे आपको भोजन दिया जाएगा। चाहे वह रात का ही समय क्यों न हो।
रूकने की भी निशुल्क व्यवस्था
बतादें कि मां की रसोई के साथ-साथ एक यात्री निवास भी संचालित है, यहां कोई रूकना चाहे तो वह रूक सकता है, संख्या अधिक होने पर सूचना पूर्व में ही देनी पड़ती है क्योंकि अधिक संख्या होने पर पहले से ही जानकारी देने पर रूकने की व्यवस्था निशुल्क कर दी जाती है। बता दें कि यहां आपको ऐसी सुविधाएं दी जाती है जो कि आपको बड़े होटलो में भी नहीं मिलेंगी। इस खबर को आप तक पहुंचाने का मात्र एक उद्देश्य हमारा यही है कि आप जब भी मैहर माता के दर्शन के लिए जाए इस रसोई में माता का प्रसाद अवश्य ले व जरूरतमंद तक इस बात की जानकारी पहुंचाए ताकि हर गरीब वर्ग व जरूरत मंद बिना भोजन और रूकने की समस्या के चलते माता के दरबार से वापस न लौटे।
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