रीवा। मेडिकल कॉलेज के छात्रों के लिए एक नई सौगात मिलने जा रही है, इस सौगात से वह आसानी से मानव शरीर के आंतरिक संरचना का अध्ययन कर सकेंगे। हालांकि वर्तमान में भी मेडिकल कॉलेज छात्रों के लिए अध्ययन के लिए देह की कमी नहीं है लेकिन इसके आ जाने के बाद छात्रों के लिए सुविधाएं और बढ़ेंगी। बता दें कि मेडिकल कॉलेज को जल्द ही एनाटॉमी वर्चुअल टेबल की सौगात मिलने जा रही है। इसके लिए शासन के आदेश पर प्रस्ताव बनाकर भेज भी दिया है। जल्द ही इसकी सौगात मेडिकल कॉलेज को मिलेगी और छात्रों के अध्ययन के लिए आसानी होगी। फिलहाल छात्र देह से इसका अध्ययन कर रहे हैं। नेशनल मेडिकल कमीशन ने इस टेबल की खरीदी को लेकर पूर्व में आदेश दिए गए थे जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेजो से इस संंबंध में प्रस्ताव मांगा गया था, मेडिकल कॉलेज रीवा के एनाटॉमी विभाग ने भी प्रस्ताव भेजा है।
देह की कमी को करेगा दूर
बता दें कि इस टेबल के आ जाने के बाद डेड बॉडी की कमी दूर हो सकेगी। इसमें शरीर के आंतरिक संरचना विज्ञान को 3-डी प्रिंट पर देकर छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र आपरेशन करने का अनुभव कर सकेंगे। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि इसमें छात्र एक बार भूलने पर दोबारा भी अध्ययन कर सकेंगे लेकिन मानव शरीर में ऐसा नहीं हो पाता है एक बार अध्ययन के बाद नए शरीर की जरूरत पढ़ती है।
एमआरआई रिपोर्ट भी देखी जा सकेगी
इस टेबल के जरिए एमआरआई रिपोर्ट को भी 3-डी प्रिंट के फ्रेम में देखा जा सकेगा। इसके बाद मरीजों को भी इसके जरिए बताया जा सकेंगा कि आप शरीर में किस अंग में किस तरह की दिक्कतें आ रही हैं। इसमें किसी भी व्यक्ति के जीवित अथवा मृत व्यक्ति के पूरे डेटा और संरचना को साफ्टवेयर के जरिए अपलोड किया जा सकेगा। इसके साथ तीन से अधिक बड़ी-बड़ी स्क्रीन भी लगाई जा सकेंगी। इससे डॉक्टर शरीर के छोटे-छोटे अवयवों से लेकर सभी तंत्रों को उसी तरह से देखा जा सकेगा, जैसे कि कोई वास्तव में शरीर हो।
कॉलेज में पर्याप्त देह
बता दें कि रीवा मेडिकल कॉलेज में तो अभी भी 11 देह स्टोर हैं लेकिन प्रदेश के कई ऐसे मेडिकल कॉलेज हैं जहां देह की कमी है, बता देंकि आधार नम्बर अनिवार्य होने के बाद लावारिश लाशों की परिभाषा अब धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। इससे मेडिकल कॉलेजों को लावारिश डेड बॉडी अब मिलना बंद होती जा रही है। जिससे इसके आने के बाद वॉडी की कमी से भी निजात मिलेगी।
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