रीवा। भले ही महिलाओं के अधिकार को बढ़ावा देने शासन द्वारा चुनाव में महिलाओं के लिए सीटो का आरक्षण कर उनका निर्वाचन करा रही हो लेकिन महिलाओं के निर्वाचन के बाद भी उनके पति व परिजन ही उनके काम को देख रहे हैं। ऐसे कई मामले सामने आए तो शासन ने इस बात पर रोक लगाई लेकिन हैरानी इस बात की है कि रोक के बाद भी वह निर्वाचित महिलाओं के कार्य में हस्ताक्षेप कर अपने आप को ही निर्वाचित मान रहे हैं। ऐसा ही एक आडियो देवतालाब ग्राम पंचायत की महिला सरपंच सरिता सिंह का प्रकाश में आया था जिसमें उनके पुत्र व पति ने रोजगार सहायक को धमकाते हुए गंदी गालियां दी थी। जिसके बाद अब मामले में एक्शन लेते हुए जिला पंचायत सीईओ ने पद से पृथक करने का नोटिस जारी किया है।
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क्या है मामला…
बताया गया कि 10 सितंबर को ग्राम रोजगार सहायक प्रमोद कुमार मिश्रा पंचायत भवन में शासन के आदेशानुसार आम जनता के आयुष्मान कार्ड बना रहे थे। इसी बीच सरपंच का बेटा अंकुर सिंह मोबाइल में बात करते हुए अभ्रदता की। कुछ देर बाद सरपंच पति आनंद सिंह का फोन आया और उनके द्वारा भी धमकाते हुए गंदी गालियां दी गई। मामले से संबंधित आडियो वॉयरल हुआ। जिसके बाद पंचायत कर्मचारियों ने 26 अगस्त 2022 को रीवा कलेक्टर द्वारा जारी आदेश का हवाला देकर घटना की निंदा की। 12 सितंबर को सीईओ से शिकायत कर कार्रवाई की मांग की गई। सरपंच पति और बेटे द्वारा ग्राम रोजगार सहायक को सरेआम गाली देने और जूते मारने का ऑडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ।
14 सितंबर को देवतालाब ग्राम पंचायत की महिला सरपंच को नोटिस दिया है। दावा है कि सात दिन के नोटिस में संतोषजनक जवाब नहीं देने पर पद से हटाने की कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि यह इस प्रकार से अन्य ग्राम पंचायतो में किया जा रहा है जिसकी शिकायते भी हुई हैं वहीं नगर निगम व नगर परिषदों में भी अपने महिलाओं की जगह उनके पति व परिजन पार्षद बने फिर रहे हैं।
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