रीवा। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा समस्या आक्सीजन व मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड की हुई थी। संख्या इतनी बढ़ी थी कि मरीजों को भर्ती करने में परेशानी आ रही थी, जिसके बाद आनन-फानन में दो प्राइवेट अस्पतालों में उपचार की सुविधा प्रदान की गई थी। प्रदेश में एक बार फिर से कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है, जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग अभी से अलर्ट है। मरीजों की संख्या बढऩे व मरीजों को प्राइवेट इलाज की सुविधा यदि तीसरी लहर आती है तो आसानी से देने के लिए प्राइवेट अस्पतालों को इलाज की स्वीकृति दी जा रही है। फिलहाल रीवा अस्पताल व विंध्या हास्पिटल को स्वीकृति देते हुए शासन को जानकारी भेज दी गई है। इसके अलावा अन्य के आवेदन फिलहाल कोविड उपचार के लिए नहीं आए है। बिना अनुमति कोई भी अस्पताल कोविड के मरीजों को भर्ती कर उनका उपचार नहीं कर सकेगा। शासन द्वारा इस संबंध में साफ निर्देश दिए गए है। फिलहाल दो अस्पतालों की कोविड आईडील रिन्यू कर दी गई है, क्योंकि वर्ष 2020 में भी इन्हीं दो अस्पतालों पर इलाज की सुविधा दी गई थी। हालांकि रीवा से सिर्फ दो अस्पतालों के नाम जाने पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कहा जा रहा है कि या तो अस्पताल मानक के अनुसार नहीं है या फिर वह कोविड उपचार से बच रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक निजी अस्पताल का रजिस्टे्रशन सार्थक ऐप के जरिए होता है। यह नेशनल पोर्टल है, जहां अस्पताल को बिस्तरों, भर्ती मरीजों सहित अन्य संसाधनों की जानकारी अपडेट करनी होती है। तहसीलदार और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा अस्पताल का निरीक्षण किया जाता है, इस दौरान मेडिकल स्टाफ, मैनेजमेंट और अन्य संसाधन जैसे इंटरनेट, कंम्प्यूटर आदि की जानकारी जुटाई जाती है। दूसरी लहर के दौरान प्रशासनिक स्तर पर रेमडेसिविर इजेक्शन का विरतण भ्ी सार्थक ऐप पर पंजीकृत अस्पतालों को ही किया गया था। पंजीयन के लिए शासन ने जरूरी मापदंड निर्धारित किए हैं। इसके अनुसार एमडी मेडिसिन डाक्टर का होना जरूरी है, जो दिन में दो बार वार्ड का राउंड ले। इसके अलावा अलग-अलग शिफ्ट के लिए 3 एमबीबीएस डाक्टर होना जरूरी है। 2 स्टाफ नर्स की ड्यूटी, 5 बेड पर 1 नर्स हो, आईसीयू के लिए सभी जरूरी उपकरण , मॉनीटर, हाईप्लो आक्सीजन और परमानेंट स्टाफ, अस्पताल के पास खुद के कम से कम 10 डी टाइप (जंबो) आक्सीजन सिलेंडर होने चाहिए।
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दूसरी लहर के दौरान विंध्या हास्पिटल और रीवा अस्पताल को कोरोना मरीजों के उपचार की अनुमति थी, इस वर्ष भी इन्हीं को स्वीकृति दी गई है। इन अस्पतालों में कोरोना का ईलाज उपलब्ध रहेगा।
डॉ. ज्ञानेश मिश्रा, डीएचओ रीवा