वीरेंद्र सिंह सेंगर (बबली), रीवा। ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय हमेशा ही अपनी कार्यप्रणाली को लेकर चर्चाओं में बना रहता है, कभी यहां होने वाले विवाद तो कभी प्राचार्य की कुर्सी में बैठने के बाद प्राध्यापको द्वारा लिए गए निर्णय इसका कारण बनते है। टीआरएस कॉलेज प्राचार्य पर मनमानी का आरोप है। यह आरोप कॉलेज में पढ़ा रहे स्ववित्तीय व जनभागीदारी अतिथि विद्धानों द्वारा लगाए गए हैं। टीआरएस कॉलेज प्राचार्य डॉ.केके शर्मा द्वारा मनमानी करते हुए उनको अवकाश पर भेज दिया गया है। जबकि अब तक महाविद्यालय में अभी तक सेमेस्टर परीक्षाओं का आयोजन ही नहीं हुआ है। प्राचार्य ने मनमानी करते अकादमिक कैलेेंडर का हवाला देते हुए अवकाश का आदेश जारी कर दिया। जबकि अभी तक 90 कार्यदिवस भी पूरे नहीं हुए हैं और सेमेस्टर पाठ्यक्रम के लिए ग्रीष्मकलीन अवकाश नहीं होता है। इस बात को लेकर स्ववित्तीय व जनभागीदारी अतिथि विद्धानों में खासा आक्रोश है और वह आंदोलन करने की तैयारी में हैं। उनका कहना है कि टीआरएस प्राचार्य के इस मनमानी आदेश का पूरा विरोध किया जाएगा। इसकी शिकायत शासन स्तर पर की जाएगी।
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आदेश में दिन भी नहीं बताए
स्ववित्तीय व जनभागीदारी अतिथि विद्वानों के अवकाश को लेकर जारी किए गए आदेश में अवकाश कितने दिनों का है इस बात की जानकारी भी नहीं दी गई है, इसलिए और स्ववित्तीय व जनभागीदारी अतिथि विद्वानों का आक्रोश है। उनका कहना है कि प्राचार्य मनमानी कर रहे हैं और नियमों को ताक पर रख अपने अनुसार कॉलेज की व्यवस्थाएं बनाना चाहते हैं। प्राचार्य द्वारा मनमानी पूर्वक भर्ती के लिए सूचना जारी की गई है जिसमें सेल्फ फाइनेंस से हिंदी, अंग्रेजी और इनवायरमेंट विषय पर रिक्तियां निकाली गई है जबकि यहां कोई स्ववित्तीय पाठ्यक्रम संचालित नहीं हो रहे हैं।
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परीक्षा ड्यूटी का बना रहे दबाव
स्ववित्तीय व जनभागीदारी अतिथि विद्वानों का आरोप है कि प्राचार्य डॉ.केके शर्मा व उनके दबाव में विभागाध्यक्ष आगामी दिनो में होने वाली परीक्षाओं में ड्यूटी करने के लिए दबाव बना रहे हैं, धमकाया जा रहा है कि जो ड्यूटी करने नहीं आएगा उनकी ज्वाइनिंग देरी से कराई जाएगी। इतना ही नहीं प्राचार्य ने वेतन तक रोक रखा है, इसके लिए दैनिंदनी मागी जा रही है जबकि नियमित प्राध्यापक खुद कभी नहीं दिखाते, बताया कि पूर्व में हुई परीक्षाओं की ड्यूटी का पैसा अब तक नहीं दिया गया है और नई ड्यूटी का दबाव बना रहे हैं, अतिथि विद्वानों का कहना है कि जब परीक्षाएं नहीं हुई तो अवकाश दिया ही क्यों गय और जब अवकाश दिया गया तो ड्यूटी के लिए धमकाया क्यों जा रहा है। कहा कि यदि अवकाश के आदेश को निरस्त नहीं किया जाता तो कोई स्ववित्तीय व जनभागीदारी अतिथि विद्वान ड्यूटी नहीं करेगा।
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फिर हावी हो रही तीन तिकड़ी
स्ववित्तीय व जनभागीदारी अतिथि विद्वानों का आरोप है कि टीआरएस कॉलेज को राजीनिति का गढ़ बनाया जा रहा है, यहां मनमानी कार्य हो रहे हैं। वर्तमान में तीन तिकड़ी कॉलेज में हावी है जिनके साथ प्राचार्य मिलकर मनमानी करने पूरी रूपरेखा तैयार करते हैं। प्राचार्य डॉ.केके शर्मा सहित डॉ.बीपी सिंह, डॉ.आरपी चतुर्वेदी व डॉ.संजय सिंह द्वारा इस प्रकार के मनमानी निर्णय लिए जा रहे हैं। स्ववित्तीय व जनभागीदारी अतिथि विद्वानों को हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भी अतिथि शिक्षक कहकर अपामनित किया जा रहा है।
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