रीवा। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनोज पुष्प ने आदेश दिया है कि बेसहारा गोवंश सड़कों पर आने के दौरान ट्रक एवं अन्य वाहनों से सड़क दुर्घटना का शिकार होकर कालकलवित हो जाते हैं। उन्होंने कहा है कि ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक कोटवार ग्राम पंचायतों में बाड़े एवं कांजीहाउस की व्यवस्था पर आवारा पशुओं की व्यवस्था सुनिश्चित करें। पशुओं के खाने, पीने, आश्रय की विधिवत व्यवस्था सुनिश्चित करें। बेसहारा गोवंश जो सड़कों में घूमते हैं, उनको पूर्व से बने कांजीहाउस एवं ग्राम पंचायतों में बने बाड़े में सुरक्षित रखे। उक्त व्यवस्थायें करने के लिये संबंधित ग्राम पंचायतें, जनपद पंचायते, नगर परिषद एवं नगर पालिक निगम उत्तरदायी है। यदि पशुओं पर क्रूरता किया जाना पाया जाता है तो पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 की धारा 11 एवं गोवंश प्रतिशेध अधिनियम 2004 की धारा 4/9 तथा भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1860 की धारा 428, 429 के अन्तर्गत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
कलेक्टर ने कहा है कि तहसील अन्तर्गत पूर्व से निर्मित अस्थायी बाड़े में रखे गये पशुओं की व्यवस्था एवं बेसहारा पशुओं को जो सड़कों पर घूमते रहते है उनको ट्रक एवं वाहन से सड़क दुर्घटना से बचाव हेतु तहसील में पूर्व से निर्मित अस्थायी बाड़े में सुरक्षित किया जाये। उन्होंने कहा है कि पशुओं की देखभाल एवं व्यवस्था नियमित तौर पर स्थानीय एजेंसी के माध्यम से संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं क्षेत्रीय पशु चिकित्सा अधिकारी करेंगे तथा इसकी समीक्षा करेंगे। समय-समय पर वे अपने भ्रमण के दौरान स्वत: इन स्थानों का निरीक्षण कर समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। किसी प्रकार की अव्यवस्था पाए जाने पर ग्राम पंचायत के उत्तरदायितों के विरूद्ध तत्काल कार्यवाही की जाये।
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