बिग ब्रेकिंग: रीवा के सरकारी स्कूलो में बिल्कुल नही होते पढ़ाई, प्रदेश के 52 जिलों में मिला 48वां स्थान, सिंगरौली को 46वां, सतना को 43 व सीधी को मिला 34वां स्थान, जानिए कैसे हुई नम्बरिंग…
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रीवा। मध्यप्रदेश में पहली बार सरकारी स्कूलों की रैंकिंग जारी की गई है। राज्य शिक्षा केंद्र ने पहली से 8वीं क्लास तक की रिपोर्ट तैयार की है। परफॉर्मेंस के मामले में अपने रीवा संभाग के सभी जिले फिसड्डी निकले हैं, कुछ लाज सीधी ने जरूर बचाई है लेकिन वह भी कोई खास पोजिशन में नही। रीवा जिला तो सबसे फिसड्डी रहा और अंतिम 5 में शामिल है। 53 जिलो की हुई ग्रेडिंग में रीवा को 48वां स्थान मिला है। और रीवा को कि ग्रेड दी गई है। वही सिंगरौली जिले को 46वां स्थान मिला और कि ग्रेड ही मिली है। इसी प्रकार सतना जिले को 43वां स्थान मिला है और कि ग्रेड ही मिली है। वही सीधी ने कुछ लाज बचते हुए 34वां स्थान प्राप्त किया है लेकिन अंकों के आधार पर मिली कि ग्रेड ही है। वही प्रदेश में टॉप की बात करें तो छिंदवाड़ा ने इंदौर-भोपाल जैसे बड़े शहरों को भी पीछे छोड़ दिया। छिंदवाड़ा 77.76% के साथ ग्रेड A लेकर प्रदेश में अव्वल जिला बना है। बालाघाट 72.04%, नीमच 71.67%, सीहोर 70.53% और नरसिंहपुर 70.05% के साथ टॉप 5 में रहे। इंदौर और भोपाल टॉप 20 में भी जगह नहीं बना पाए हैं। सिर्फ छिंदवाड़ा ही ग्रेड A हासिल कर सका है।
इस आधार पर अंक दिए गए
नामांकन और ठहराव घटक में पहली कक्षा में विद्यार्थी का एनरोलमेंट, कक्षा पांचवी से छठवीं कक्षा में विद्यार्थी के प्रवेश का प्रतिशत और विद्यार्थी की शाला छोड़ने की दर को महत्व दिया गया है। सीखने के परिणाम और गुणवत्ता घटक में विद्यार्थियों का स्कूल, राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण और नेशनल मींस कम मेरिट स्कॉलरशिप में प्रदर्शन के साथ कक्षा पांचवी और आठवीं में ए और ए प्लस ग्रेड लाने वाले विद्यार्थियों के प्रतिशत को ध्यान में रखा गया है।
समता घटक में समाज के कमजोर वर्ग अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों का कक्षा पांचवी और आठवीं में प्रदर्शन के साथ दिव्यांग विद्यार्थियों के पहचान और प्रोफाइल अपडेशन, सुविधाएं और प्रदर्शन को ध्यान में रखा गया है। बुनियादी ढांचा और सुविधा में शालाओं में रैंप और बिजली की सुविधा, स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार में शालाओं का प्रतिशत और सिविल वर्क के पूर्ण करने को महत्व दिया है। शिक्षक व्यावसायिक विकास घटक में शिक्षकों का NISTHA FLN सर्टिफिकेशन में प्रतिशत और राज्य स्तरीय टीएलएम मेला में शिक्षकों की भागीदारी को ध्यान में रखा गया है। शासन प्रक्रियाओं और वित्तीय प्रबंधन घटक में सीएम हेल्पलाइन कंप्लेंट, सीआरसी और बीआरसी द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण, कम नामांकन वाली शालाएं और वित्तीय कुशलता का मापन किया जाएगा। पढ़ना लिखना अभियान घटक में अभियान के तहत जिले में वॉलंटियर के रजिस्ट्रेशन और मूल्यांकन में नव साक्षर की सहभागिता का मूल्यांकन किया जाएगा।