रीवा। रीवा
के बच्चे ने महज 16 माह की उम्र में विश्व के सभी देशो के झंडो की जानकारी
दे डाली और इन्हें पहचानने का रिकार्ड बनाया है। यानि की रीवा के यशस्वी
ने महज 16 महीने की उम्र में तीन वल्र्ड रिकार्ड बना दिए हैं। बता दें कि
यशस्वी ने अपनी विलक्षण याद्दाश्त की अद्भुत क्षमता से एक बार फिर दुनिया
को चौंका दिया है। प्रतिभा के धनी इस बच्चे ने महज 16 महीने की छोटी सी
उम्र में दुनिया की 2 और प्रतिष्ठित संस्थाओं में अपना नाम दर्ज कर लिया
है। यशस्वी ने ये कारनामा विश्व के सभी देशों के जिनकी संख्या 195 है,
झण्डों (राष्ट्रीय ध्वज) को पहचान कर किया है। यशस्वी के इस कारनामें को
देख विश्व की प्रतिष्ठित संस्था ”हार्वर्ड वल्र्ड रिकॉर्डÓÓ और
”इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकार्डÓÓ ने सबसे कम उम्र में ये कारनामा करने वाले
बच्चे का खिताब यशस्वी मिश्रा के नाम कर दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले
14 माह में 26 देशों के ध्वज पहचानकर यशस्वी पहले ही ”वल्र्ड बुक ऑफ
रिकॉर्डÓÓ लंदन में अपना नाम दर्ज करा चुके हैं और अब दो और रिकॉर्ड बनाकर
इन्होंने कुल 3 रिकॉर्ड अपने नाम कर लिये हैं जो कि इतनी कम उम्र में अपनी
तरह का एक नया रिकॉर्ड है।
बतादें
कि यशस्वी की यद्दाश्त इतनी तेज है कि अब वह न केवल विश्व के सभी देशों
के नाम जानते हैं बल्कि उन सभी देशों की राजधानियों के नाम भी बखूबी बता
सकते हैं, साथ ही अब बढ़ती उम्र के साथ यशस्वी अन्य विषयों की जानकारी में
भी दिनो-दिन इजाफा कर रहे हैं। इस समय यशस्वी विज्ञान, भौतिकी, गणित, रसायन
शास्त्र, ज्यमितीय, भाषा, इतिहास, विश्व भूगोल, और सामान्यज्ञान से जुड़े
विभिन्न पहलुओं की आरंभिक जानकारी ले रहे हैं। वर्तमान में यशस्वी इन सभी
विषयों से जुड़े विभिन्न नाम, चित्र और वस्तु से जुड़े लगभग एक हजार (1000)
से ज्यादा फ्लैश कार्ड पहचानते हैं। इस उम्र में किसी बच्चे के द्वारा
किया गया ऐसा कार्य है जो कि एक नया रिकार्ड बन सकता है जिसे जल्द ही दर्ज
कराने का प्रयास किया जायेगा।
इस
तरह से ”लिटिल गूगल ब्यायÓÓ के नाम से देश-दुनिया में ख्याति हासिल कर
चुके रीवा के संजय मिश्रा-शिवानी मिश्रा के पुत्र और अवनीश मिश्रा के पौत्र
को अगर रिकार्ड ब्याय कहा जाए तो शायद ये अतिसंयोक्ति नहीं होगी।
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रीवा. दो
वर्ष की आयु में एक बच्चे ने देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही दुनिया के
कई देशों का नक्शा पहचान कर बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड में नाम दर्ज कराया है।
बच्चे की इस उपलब्धि पर परिवार के साथ ही अन्य लोगों ने शुभकामनाएं दी हैं।
इंडियन एयरफोर्स के अधिकारी आरके तिवारी निवासी संजय नगर के पुत्र अविराज
ने को वर्ल्ड बुक आफ रिकार्ड की ओर से सर्टिफिकेट दिया गया है। अविराज की
माता अपराजिता तिवारी इसे ईश्वर की कृपा बताती हैं। अविराज भारत के नक्शे
को देखकर किसी भी प्रदेश और उसकी राजधानी का नाम पलक झपकते ही बता देता है।
यही नहीं विभिन्न प्रदेशों के अलग-अलग टुकड़े उसके सामने रख दिए जाएं तो
भी वह एक-एक का नाम लेकर क्रम से रखते हुए पूरा नक्शा बना देता है। इसी तरह
दुनिया के नक्शे पर किसी भी देश का नाम यूं ही बताता है कि सामने बैठे
लोगों को विश्वाश ही नहीं होता कि कोई बच्चा ऐसा भी कर सकता है। अविराज की
प्रतिभा देख उस समय और भी विस्मय होता है जब वो किसी भी फाइटर या
हेलीकॉप्टर की तस्वीर देख मॉडल समेत उसका नाम बता देता है।परिजनों ने बताया
कि जब अविराज के वीडियो को पहले गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड संस्था के
लोगों ने देखा तो उन्होंने कुछ मिनट की समय बाध्यता के साथ वीडियो बनाने को
कहा। हर पहचान के लिए एक से दो सेकंड का समय लेते हुए अविराज ने यह भी कर
दिखाया। अविराज की प्रतिभा को सम्मान देते हुए उन्होंने अपनी बुक के लिए
उम्र की सीमा होने के कारण लंदन की संस्था बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड से
सम्पर्क करने की सलाह दी। मेम्बर ऑफ सेंट्रल वर्किंग कमेटी की बैठक में
वीडियो रखे गए और अविराज का नाम बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज किया गया।
बच्चे और परिजनों को लोगों ने बधाई प्रेषित की है।