रीवा। बीते दिनों राजनिवास में सीताराम दास उर्फ सामर्थ्य त्रिपाठी द्वारा किये गए दुष्कर्म के मामले में प्रशासन की कार्यप्रणाली पर कई सवाल उठ रहे हैं। यह सवाल चर्चाओ में किये जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक एक ओर जहां अभी तक 2 मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। वहीं दूसरी ओर पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले में संजय त्रिपाठी को आरोपी बनाए जाने को लेके चर्चाओ में कहा जा रहा है कि अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए पूरे मामले का रुख बदलते हुए अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित संजय त्रिपाठी को यह आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया गया है कि वह सीताराम से मिला और उसको भगाने में मदद की थी।
वही संजय त्रिपाठी ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अपना बयान भी जारी किया था। पुलिस प्रशासन की ओर से कल तक यह कहा जा रहा था सीताराम को भगाने में एक लड़की का हाथ है, वहीं अब एक अन्य आरोपी तौफीक अंसारी को भी महंत को भगाने के मामले में ही गिरफ्तार किया गया। यह बड़ी वजह है कि की पुलिस प्रशासन की कार्यवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल उठ रहे है की यदि यह तौफीक अंसारी का महंत को भगाने में हाथ था तो अभी तक उस लड़की की बात क्यों कि जा रही थी और संजय त्रिपाठी को किस आधार पर गिरफ्तार किया गया। जोरो पर चर्चा यह भी है कि संजय त्रिपाठी और एक सत्तादारी विधायक के बीच पूर्व से ही विवाद है, जिसका खुलासा संजय त्रिपाठी ने कई दफा पूर्व में दिए गए बयानो में किया था, जब उनके बिल्डिंग को गिराने की बात सामने आई थीं।
सत्ता के गलियारों में यह भी चर्चा रही की संजय त्रिपाठी को जानबूझकर फसाया जा रहा है जिसमे 1 स्थानीय विधायक का हाथ है, इस बात में कितनी सच्चाई है इसका खुलासा तो जांच के बाद ही होगा। हालांकि संजय त्रिपाठी ने गिरफ्तारी के बाद भी अपनी सफाई दी है और कहा कि उसे फंसाया जा रहा है। बता दें कि इस प्रकार हो रही चर्चाओ में पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसी चर्चाओ की बड़ी वजह यह भी है कि मामले को लेके पूरे घटनाक्रम की जानकारी देने के लिए खुलासा भी नही किया गया। बीच-बीच मे आये बयानों पर ही मीडिया ने खबरे प्रकाशित की और लोंगो तक जानकारी पहुँची और अब इन्ही अलग अलग घटना कर्मो को लेके सवाल खड़े किए जा रहे है। हालांकि कहा यह भी जा रहा है संजय त्रिपाठी जैसे शातिर अपराधी अपनी राजनैतिक पकड़ के चलते बचे रहते थे लेकिन कलेक्टर मनोज पुष्प व एसपी नवनीत भसीन की जोड़ी ने इन आदतन अपराधियो को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। जिस प्रकार से मामले में एक के बाद एक बड़े खुलासे एसपी के नेतृत्व में रीवा पुलिस ने किए हैं उनकी तारीफ भी की जा रही है।