रीवा। गोविंदगढ़ तक रेलवे ट्रैक बिछ गया है। आरओबी के नीचे भी रेलवे लाइन डाल दी गई है। भूिम अधिग्रहण के कारण जमीन का पेंच फंसा था। वह भी क्लियर कर लिया गया है। अब फाइनल टच बांकी है। रेलवे लाइन की फाइनल टेस्टिंग का अब दौर चलेगा। सिर्फ 25 दिन में 25 किमी की रेलवे लाइन गोविंदगढ़ तक ट्रेन दौड़ाने के लिए ओके हो जाएगी। ज्ञात हो कि रीवा से रेलवे लाइन गोविंदगढ़ होते हुए सीधी से सिंगरौली तक बिछाई जानी है। फिलहाल पहले चरण में गोविंदगढ़ तक ट्रेन चलाने का लक्ष्य तय किया गया था। बीच में कोविड के कारण प्रोजेक्ट डिले हुए। कोविड हटा तो काम ने गति पकड़ी। अब मुआवजा और किसानों के विरोध के कारण मामला अटका हुआ है। अक्टूबर तक रेलवे को गोविंदगढ़ तक की लाइन क्लियर कर लेनी थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब दो महीने और प्रोजेक्ट डिले हो गया है। नया टारगेट दिसंबर तय किया गया है। हालांकि इसमें रेलवे ओव्हर ब्रिज का धीमा काम भी बाधा बना रहा। आरओबी तय समय सीमा से काफी बाद में बन कर तैयार हुआ। इसके कारण भी रेलवे लाइन का काम बंद रहा। अब जाकर सारी अड़चने दूर हो गई है। रेलवे लाइन बिछाने का काम लगभग पूरा हो चुका है। सिर्फ छुटपुट काम ही शेष रह गया है। जनवरी में गोविंदगढ़ तक रेलवे ट्रैक बिछाने का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद सिर्फ ट्रेन दौडऩा शेष रह जाएगा।
25.15 किमी है लंबाई
रीवा से गोविंदगढ़ के बीच करीब 25.15 किमी लंबी रेलवे लाइन बिछाई जानी है। 25 किमी की रेलवे लाइन में दो स्टेशन पड़ेंगे। इसमें गोविंदगढ़ और सिलपरा स्टेशन बनाया गया है। स्टेशन का काम पूरा हो चुका है। रौसर के पास रेलवे लाइन बिछाने का काम रुका हुआ था। वह भी गति पकड़ चुका है। आरओबी के नीचे रेलवे लाइन बिछाई जा चुकी है।
यहां फंसा हुआ था पेच
रौसर में रेलवे लाइन बिछाने में पेच फंसा हुआ था। यहां जमीन के चार हिस्सेदार थे। सभी हिस्सेदार रेलवे में नौकरी मांग रहे थे। रेलवे सिर्फ एक को ही नौकरी दे सकता है। यही वजह है कि मामला फंसा हुआ था। तीन हिस्सेदार ने एनओसी दे दी थी सिर्फ एक ने ही एनओसी देने में रेलवे को परेशानी हो रही थी। वह मामला भी रेलवे ने सुलझा लिया । यही वजह है कि रेलवे ट्रैक बिछाने का काम अब तेजी से हो रहा है।
संसद में सांसद ने उठाया नौकरी का मुद्दा
रीवा सीधी सिंगरौली रेल लाइन में जिन किसानों की जमीनें फंसी हैं। उन्हें रेलवे ने नौकरी देने का वायदा किया है। लिस्ट भी तैयार हो चुकी है। सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी कईयों को नौकरी नहीं मिल पाई है। इस मुद्दे को रीवा के सांसद जनार्दन मिश्रा ने संसद में उठाया। शून्य काल के दौरान किसानों के आश्रितों को जल्द से जल्द नौकरी देने की बात रखी है।