रीवा। जिले में भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों की कमी नहीं है, आए दिन भ्रष्टाचार जिला में बढ़ता ही जा रहा है। जिले में पीएम आवास योजना में 8 लाख रुपए से अधिक राशि के बंदरबाट का मामला प्रकाश में आया है। मामला प्रकाश में आते ही कलेक्टर मनोज पुष्प ने सख्ती दिखाते हुए ग्राम रोजगार सहायक की संविदा समाप्त करने के आदेश दिए हैं साथ ही कलेक्टर ने लापरवाह ग्राम पंचायत सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में आठ लाख 24 हजार 220 रुपए की आर्थिक अनियमितता में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर जनपद पंचायत मऊगंज के ग्राम पंचायत के लौरकला के ग्राम रोजगार सहायक शिवमूर्ति साकेत की संविदा सेवाएं समाप्त करने की कार्यवाही की गई हैं। इसी प्रकरण में ग्राम पंचायत सचिव देवेन्द्र मिश्रा को अनुशासनात्मक कार्यवाही का नोटिस दिया गया है।
आदेश में कलेक्टर ने यह कहा…
जारी आदेश के अनुसार वर्ष 2016-17 में हितग्राही शिवलाल कोल को आवास योजना से लाभांवित किया गया था। इनके आवास की प्राथमिकता का क्रम 6 है। इस आवास आईडी में पात्र हितग्राही को आवास का लाभ न दिया जाकर इसी नाम के अन्य व्यक्ति को आवास का लाभ देकर किश्तें प्रदान की गई। वर्ष 2020-21 में हितग्राही नीता कोल को लाभांवित किया गया। इनके आवास का प्राथमिकता क्रम 16 है। उक्त आवास आईडी में पात्र हितग्राही को आवास का लाभ न दिया जाकर इसी नाम के अन्य व्यक्ति को आवास का लाभ दिया गया। वर्ष 2020-21 में हितग्राही कौशिलिया को आवास का लाभ दिया गया था। इनके आवास का प्राथमिकता क्रम 17 है। इस आवास आईडी में पात्र हितग्राही को आवास का लाभ न दिया जाकर अन्य व्यक्ति को लाभ दिया गया। इसी प्रकार हितग्राही रामजमुनी सेन, मनीषा, रामनाथ कोल की जगह दूसरे व्यक्तियों को आवास का लाभ दिया गया।
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