नई दिल्ली। भारत मे हुई एक धर्म संसद ने पाकिस्तान को हिला कर रख दिया है। इस धर्म संसद की घूंज पाकिस्तान सरकार के कानों में इस प्रकार का असर डाला है कि अब पाकिस्तान धमकी देने तक मे आमादा हो गया है। इतना ही नही वह अन्य देशों से इस मामले को उठाने और इसका विरोध करने की गुहार लगा रहा है। हालांकि पाकिस्तान की इस गुहार का कोई असर अन्य देशों पर नही पीडीए है लेकिन पाकिस्तान अब भी मामले को तूल देने में लगा हुआ है। हालांकि इसका विरोध भारत मे विपक्ष के सीएम भी कर रहे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री सहित कुछ अधिवक्ताओं ने विरोध दर्ज कराया है। भारत के 76 टॉप अधिवक्ताओं ने चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है और इस धर्म संसद पर कार्यवाही के लिए कहा है। अब आपके सामने यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर इस धर्म संसद में आखिर हुआ क्या था, और यह है क्या? तो आइए इस खबर में हम आपको बता रहे हैं कि धर्म संसद कोई सेमिनार नही है, जिसमे लोंगो की भीड़ जमा हो। यह एक धार्मिक आयोजन था और हरिद्वार में आयोजित किया गया। जिसके मुख्य आयोजक नरसिंगा नंद सरस्वती थे जो की गाजियाबाद के एक मंदिर के पुजारी हैं। इस इवेंट में कई लोंग आये और भाषण दिया। अब आप को बता दे कि इस धर्म संसद पर आरोप इसलिए लग रहा है क्योंकि कुछ भाषण इन कार्यक्रम के भड़काऊ माने जा रहे है ऐसे आरोप लगे है। इसमें माइनॉरिटी को टारगेट करने का आरोप है। इस मुद्दे को लेके कुछ लोंगो के खिलाफ एफआईआर भी हुई, जिसमें जितेंद्र नारायण त्यागी जो शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चीफ है जैसे नाम भी शामिल बताए जा रहे हैं। इसके अलावा सोसल मीडिया में भी कई स्पीच वायरल हो रही है जैसे की इंडिया की मेजोरिटी को हथियार रखना चाहिए और कही माइनॉरिटी से कोई 2029 में पीएम न बन जाए इस प्रकार के बातों को लेकर कई न्यूज़ वायरल भी हो रही है। वही अब इसको लेकर पाकिस्तान ने कहा है कि वो धर्म संसद का मुद्दा ओआईसी (आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कारपोरेशन) में भी उठाएगा। बता दे कि इस धर्म संसद के कुछ स्पीच ही दिए गए बाकी कुछ हुआ नही ऐसा संचार शूत्र का कहना है। लेकिन पाकिस्तान इस बात को इतना बढ़ा चढ़ा कर बता रहा है कि इंडिया में इस तरह के भाषण क्यो दिए गए। जैसा कि आप जानते है कि हाल ही में यूएसए ने पाकिस्तान, चाइना, रसिया, म्यानमार, तजाकिस्तान को माइनॉरिटी वायलेशन की लिस्ट में डाला है, मतलब की इन देशों में माइनॉरिटी के खिलाफ अत्याचार होता है। जिसके जबाब में पाकिस्तान ने धर्म संसद का मुद्दा पूरी दुनिया मे उठाने को कहा कि भारत मे ऐसा हो रहा। जबकि यह बाटे सामने आ रही हैं कि यह सिर्फ धार्मिक आयोजन था लेकिन इसे इतना बढ़ा चढ़ा के पेस करने का प्रयास पाकिस्तान द्वारा किया जा रहा है। अब इस पर भारत को पाकिस्तान की इस हरकत पर क्या जबाब देना चाहिए आप अपनी राय हमे कॉमेंट्स बॉक्स में जरूर दे।
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