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बिलासपुर। पति-पत्नी के झगड़ो के मामले प्रकाश में आते ही रहते हैं। जिसमे कभी पति गलत होता है तो कभी पत्नी, यह विवाद इतना बढ़ते हैं कि बात तलाक तक आ जाती है। ऐसा ही एक मामला बेमेतरा जिले से बिलासपुर हाई कोर्ट पहुंचा है जिसमे पति की याचिका को हाई कोर्ट ने स्वीकार किया है और टिप्पणी भी की है।
क्या है मामला…
जानकारी के मुताबिक बिलासपुर के रहने वाले युवक की शादी वर्ष 2007 में बेमेतरा में रहने वाली युवती से हुई थी। पति ने बताया है कि पत्नी शादी के बाद से ही उसे मानसिक प्रताड़ित यह कहकर करती थी कि वह सुंदर नही है। पिता का निधन हुआ तो वह मायके गई और अभी तक नही लौटी, उसने उससे संपर्क किया तो वह बोली कि तुम यही आकर बस जाओ। पति ने इस बात और फैमिली कोर्ट में याचिका तलाक के लिए दर्ज की लेकिन उसे खारिज कर दिया गया। जिसके बाद वह बिलासपुर हाई कोर्ट पहुंचा। जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
सम्बंध से इनकार करने क्रूरता
बता दें कि दायर याचिका को स्वीकार कर हाई कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगस्त 2010 से पति-पत्नी के रूप में दोनों के बीच कोई संबंध नही है। जिससे साफ है कि उनके बीच शारीरिक सम्बंध नही है जो वैवाहिक जीवन के स्वस्थ्य होने का बड़ा आधार है। यदि पति व पत्नी में से कोई भी इज़के लिए इनकार करता है तो क्रूरता के बराबर है। पत्नी द्वारा पति के साथ क्रूरता का व्यवहार किया जा रहा है।