क्या है पूरा मामला…
बता दें कि वार्ड क्रमांक 26 लालनटोला मार्ग निवासी किरण तिवारी ने बताया कि उनके द्वारा गत 18 जनवरी को रीवा-सीधी हाइवे किनारे ललपा में स्थित छोटेलाल गुप्ता की दुकान से एक पैकेट आधा किलो पतंजलि का घी मंगाया गया था, वह हमेशा ही पतंजलि का घी उपयोग करती है। हर बार ही तरह इस बार भी स्वाद थोड़ा अजीब लगा तो उनके द्वारा इस घी को पकाने का निर्णय लिया गया। घी को कड़ाई में डालकर करीब पांच मिनट ही पकाया गया तो वह घी से डालडा बन गया। उन्होंने बताया कि घी की सुगंध भी चली गई और वह डालडे की तरह सुगंध देने लगा। उन्होंने बताया कि उनकी आशंका है कि इस घी के डब्बे में घी के जगह डालडा था, उसे देश ऐसा लग रहा है कि इस घी में करीब 10-15 प्रतिशत ही घी रहा होगा इसके अलावा पूरा डालडा की मिलावट है। उन्होंने जांच की मांग की है। जिससे कंपनी की सच्चाई जनता के सामने आ सके।
मिलावट से स्वास्थ्य को नुकसान
बता दें कि इस संबंध में शिकायत में उन्होंने यह भी कहा है कि इस प्रकार के मिलावट कर जहां जनता के साथ धोखाधड़ी की जा रही है, वहीं दूसरी ओर मिलावट कर जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, लोग इसे घी समझ कर खा रहे है लेकिन यह डालडा होने से उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा। कंपनी घी के नाम पर डालडा बेंचकर मुनाफा कमा रही है लेकिन इस डालडे से लोगो के स्वास्थ्य खराब होगा। उन्होंने कहा कि जिनके पास भी पतंजलि का घी उपयोग में है वह भी एक बार इसे थोड़ी देर कराही में उबाल कर देखे और यदि वह भी डालडा बन जाता है तो इसकी शिकायत खाद्य विभाग से करें।
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