रीवा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नये सिरे से आरक्षण प्रकिया पूरी करने के बाद होगा, न कि पुराने आरक्षण प्रक्रिया के तहत। आज अधिसूचना जारी होगी और 25 मई को कलेक्ट्रेट परिसर में आरक्षण प्रक्रिया संपादित की जायेगी। इस तरह पुराने आरक्षण के आधार पर चुनाव लडऩे की मंशा रखने वाले लोगों को मायूस होना पड़ सकता है। हो सकता है जो पंचायत या वार्ड उनके वर्ग के लिए आरक्षित थी, अब किसी दूसरे वर्ग के लिए आरक्षित हो जाये। इस नई आरक्षण प्रक्रिया से कई मजबूत दावेदारों की धड़कनें बढ़ गई हैं। जानकारी मिली है कि अभी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा केवल पंचायत चुनाव के आरक्षण के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। उम्मीद यह जताई जा रही है कि जल्द ही निकाय चुनाव में भी आरक्षण प्रक्रिया के लिए निर्देश जारी हो सकते हैं। ज्ञात हो कि सरकार द्वारा फाइल की गई रिव्यू पिटीशन की सुनवाई के उपरांत सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिया जाना स्वीकार कर लिया है। सुको ने राज्य निर्वाचन आयोग को आदेशानुसार आरक्षण प्रक्रिया का पालन कर चुनाव कराने का आदेश 18 मई को दिया है। आदेश के बाद त्रिस्तरीय व निकाय चुनाव में वार्डों व पंचायतों का आरक्षण बदल सकता है। अब न तो 2014, न ही 2019 में किए गए आरक्षण, अपितु नए सिरे से आरक्षण प्रक्रिया अपनाई जायेगी। उल्लेखनीय है कि आरक्षण रोस्टर प्रक्रिया के तहत वर्ष 2014 में पंचायत व निकाय चुनाव कराया गया था। वर्ष 2019 में प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने निकाय व पंचायत चुनाव के लिए रोस्टर प्रक्रिया के तहत आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करायी लेकिन चुनाव हेतु अधिसूचना जारी नहीं हो पायी। कार्यकाल पूरा होने पर निकायों में प्रशासकीय समितियां बैठा दी गईं तो पंचायतों में पुराने निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल बढ़ा दिया गया। कोरोना के बाद वर्ष 2021 में दिसंबर में सरकार द्वारा पंचायत चुनाव की प्रक्रिया तो शुरू की गई, लेकिन चुनाव 2014 के आरक्षण प्रक्रिया के तहत। जिसका कांग्रेस व कुछ लोगों द्वारा विरोध करते हुए हाईकोर्ट व सुको में पिटीशन फाइल की गई। कोर्ट द्वारा रोक के बाद ओबीसी आरक्षित पदों को छोड़कर अन्य पदों में चुनाव कराने के निर्देश दिए गए। प्रथम व द्वितीय चरण के लिए नामांकन दाखिल हुए और प्रत्याशियों द्वारा प्रचार प्रसार भी किया गया। लेकिन जनवरी 22 में चुनाव प्रक्रिया पूरी तरह से रोक दी गई। पिछले दिनों सुनवाई के दौरान सुको ने ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी। ओबीसी को आरक्षित पदों को अनारिक्षत मानकर चुनाव कराने के आदेश दिए राज्य निर्वाचन आयोग दिया। सुको के आदेश बाद आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन कार्यालय द्वारा मतदाता सूची के प्रकाशन के साथ ही मतदान केंद्रों का सत्यापन व मास्टर ट्रेनरों का प्रशिक्षण भी शुरू हो गया लेकिन 18 मई को सुको के फिर आदेश के बाद अब चुनाव प्रक्रिया नए सिरे से शुरू होगी। बता दें कि जनवरी 22 के बाद पंचायतों व वार्डों का परिसीमन भी कराया जा चुका है। जिसे कुछ जगह वार्डों की संख्या व वर्गवार जन संख्या में भी बदलाव हुआ है। ऐसी परिस्थिति में नए सिरे से आरक्षण होना भी जरूरी था।
इन पदों का होगा आरक्षण
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया संबंधित वार्ड या पंचायत में वर्गवार जनसंख्या के आधार पर किया जायेगा। जिसमें सुको के नवीन निर्देशों के अनुसार एससी-एसटी आरक्षण तो पूर्व की तरह जबकि ओबीसी का आरक्षण तीन आधारों पर किया जायेगा। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए पंच, सरपंच, जनपद सदस्य वार्ड, जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद व जिला पंचायत सदस्य वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया अपनाई जायेगी। नई प्रक्रिया के तहत होने वाले आरक्षण में ओबीसी की सीटें पूर्व में किए गए आरक्षण से कही घट तो कहीं बढ़ भी सकती हैं।
फैक्ट फाइल
जिला पंचायत सदस्य वार्ड – 32
जनपद सदस्य वार्ड- 223
जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष- 09
सरपंच – 820
पंच-
00000000000000