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रीवा। नगर निगम के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि आई है, नगर निगम को प्रदेश के 16 नगर निगमों में तीसरा स्थान भवन अनुज्ञा प्रदान करने में दिया गया है। यह उपलब्धि नगर निगम को निगम आयुक्त मृणाल मीना के प्रयासों व सतत मानिटरिंग से मिली है। बता दें कि नगर निगम आयुक्त द्वारा लगातार भवन अनुज्ञा प्रकरणों की समीक्षा की जाती है, इसके अलावा भवन अनुज्ञा से संबंधित प्रकरणों के निराकरण के लिए संबंधित अधिकारी-कर्मचारियों को निर्देशित किया जाता है, इसी का परिणाम रहा कि अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा भवन अनुज्ञा के प्रकरणों को समय-सीमा पर निराकृत करते हुए जनता को राहत दी गई। जिससे प्रदेश में नगर निगम रीवा को तीसरा स्थान मिला है।
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बता दें कि भवन अनुज्ञा के लिए नवंबर 2019 से नगर निगम में ABPAS-2 साफ्टवेयर में काम शुरु किया गया था। जिसके माध्यम से ऑनलाइन बिल्डिंग परमीशन प्रदान की जाती है। अब तक में निगम अंतर्गत भवन अनुज्ञा हेतु लगभग 5635 प्रकरण प्रस्तुत किये गये, जिनमें से 3836 प्रकरणों को स्वीकृत किया जा चुका है तथा 187 प्रकरणों में स्वीकृति पश्चात् अभी तक भूमि स्वामी द्वारा शुल्क जमा नहीं किया गया है। 751 प्रकरणों में दस्तावेजों के अभाव के कारण या अवैध कालोनी में दर्ज होने के कारण निरस्त किया गया है तथा शेष प्रकरणों पर कार्यवाही प्रचलन में है। निगम आयुक्त श्री मीना के कार्यकाल के दौरान नगर निगम रीवा को भवन अनुज्ञा प्रदान करने के मामले में प्रदेश में प्रथम स्थान भी प्राप्त हो चुका है।
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प्रकरणों के निपटान के लिए निगम आयुक्त द्वारा सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि भवन अनुज्ञा 15 दिवस के अन्दर जारी किया जाना सुनिश्चित करें। जिसके परिपालन में नवंबर माह की ABPAS-2 से जारी औसतन रिपोर्ट में 14 दिवस में निपटान किया जाना पाया गया है जो कि समस्त नगर निगमो मे तीसरे स्थान पर है एवं रीवा नगर निगम में 30 दिवस से ज्यादा के कोई भी प्रकरण पेडिंग नही है, जो कि अन्य नगर निगमो की अपेक्षा बेहतर स्थिति में है।
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पिछले दो माह के भीतर 378 प्रकरण दर्ज हुये जिसमें 115 प्रकरणों को स्वीकृति पत्र जारी किया गया जो कि 30.42 प्रतिशत रहा, जो कि इन्दौर और छिंदवाडा के बाद तीसरे स्थाना में रीवा नगर निगम रहा। भवन अनुज्ञा शाखा से अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा कुल कार्यवाही का दैनिक प्रगति प्रतिवेदन भी लिया जाता है तथा प्रतिवेदन के आधार पर अधिकारियों/कर्मचारियों को मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। निगम आयुक्त की निगरानी में प्रकरणों के निपटान के मामले में शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा में भवन अनुज्ञा आवेदकों को प्रदान की जा रही है, जिससे आम नागरिकों को परेशान नहीं होना पड़ता। बता देंं कि नगर निगम द्वारा निगम आयुक्त मृणाल मीना के कुशल मार्गदर्शन में किए जा रहे अच्छे प्रदर्शन की सराहना शासन स्तर पर भी अधिकारियों द्वारा की जा रही है।
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