रीवा। खाकी जिसके बदन से लिपट गई उसकी जिंदगी बना ही देती है या फिर बिगाड़ ही देती है, ऐसा खाकी का वरदान है। देश भक्ति जनसेवा की कसमें खाने व शपथ लेने के बाद खाकी धारण करते ही पुलिसकर्मी लूट में आमदा हो जाते हैं। कोई कानून की नोक में लूट करता है तो कोई वर्दी की धौंस में कुछ ऐसे भी पुलिसकर्मी होते हैं जो असलहे के ही नोक पर लूटपाट करने लगते हैं। हालांकि ऐसे पुलिसकर्मी या तो लोकायुक्त के जाल में फंसते हैं या फिर जिस कानून के रखवाले होते हैं उसी कानून की चंगुल में जा फंसते हैं। ओम प्रकाश सिंह उर्फ भिंडी नाम रीवा ही नहीं अन्य जिलों की पुलिस के लिए अनजान नहीं है। देश भक्ति जनसेवा की कसमें खा कर भिंडी ने भी खाकी धारण किया था। लेकिन खाकी का गरिमा को इस कदर धूमिल किया कि उसे खाकी का ही श्राप जा लगा। कभी आरक्षक के नाम से जाने जाना वाला भिंडी आज लुटेरे के नाम से जाने जाना लगा है, जो पुलिस के भेष में लूट को अंजाम देता है। इसके विरुद्ध रीवा ही नहीं सतना, सीधी यहां तक की भिंड जिले में भी कई अपराध दर्ज हैं। बीती रात बर्खास्तशुदा आरक्षक ओम प्रकाश सिंह उर्फ भिंडी 32 वर्ष पिता जयपाल सिंह निवासी अंबा थाना पोरसा जिला मुरैना ने अपने साथी आदित्य कुमार गुप्ता उर्फ बादल पिता फूलचंद 30 वर्ष निवासी पांडेन टोला के साथ मिलकर लूट को अंजाम दिया था। जिसे बिछिया पुलिस ने गिर तार कर सलाखों के पीछे कर दिया है।
थाना प्रभारी बिछिया जगदीश सिंह ठाकुर ने बताया कि आरोपी ओम प्रकाश उर्फ भिंडी अपने साथी की साथ मिलकर शिलपरा बाइपास के पास हाइवा क्रमांक एमपी 17 एचएच 4012 के चालक से लूट किया था। बताया कि हाइवा में गिट्टी लोड थी जिसे रोक कर चालक संतोष कुशवाहा से 35 सौ रुपये और खलासी धीरेंद्र पटेल से 450 रुपये लूट लिये थे। घटना की जानकारी लगते ही आरोपियों की पतासाजी कर कोतवाली क्षेत्र के पांडेन टोल से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपियों से लूटे हुये रुपये सहित लूट में प्रयुक्त बाइक भी जब्त कर ली गई है। आरक्षक ओम प्रकाश उर्फ भिंडी दो बार बर्खास्त हो चुका है। उसके चालचलन एंव शिकायतों पर तत्कालीन एसपी रीवा श्री सक्सेना ने बर्खास्त किया था। जिसकी अपील आईजी के पास की गई थी। तत्कालीन आईजी चंचल शेखर ने बर्खास्तशुदा आरक्षक ओम प्रकाश उर्फ भिंडी को राहत देते हुये सीधी जिले के लिए तबादला कर दिया। लेकिन उसकी हरकतें वहां भी वहीं रही, आये दिन उसकी करतूतें पुलिस का शर्मशार कर रही थी। तभी शिकायत के आधार पर एसपी सीधी ने उसे बर्खास्त कर दिया। बर्खास्तगी होने के बाद भी उस पर वर्दी पहन कर लूट करने का जुनून सवार है, और वह जिस भी जिले में वारदत को अंजाम देता है तो खाकी पहन कर ही देता है।
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