रीवा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दीपावली पर्व में यदि आप नया वाहन खरीद रहे हैं तो सतर्क रहें। वाहन पंजीयन शुल्क व आरटीओ ऑफिस खर्च के नाम पर एजेंसी संचालक अधिक राशि ले रहे हैं। इस तरह प्रत्येक उपभोक्ता से एक हजार रुपए से पंद्रह सौ रुपए अधिक शुल्क ले रहे हंै। इससे ग्राहकों को जानकारी नहीं हो, इसलिए वह पंजीयन शुल्क की रसीद नहीं दे रहे हैं। वाहन के पंजीयन शुल्क की अवैध वसूली को लेकर जागरण टीम ने कुछ एजेंसी की पड़ताल की है। इस दौरान ग्राहक बनाकर टीम के सदस्यों ने एजेंसियों से नये वाहन के कोटेशन लिये। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आदित्यराज मोटर्स ऑटो मोबाइल में टीवीएस कंपनी की अपॉचे गाड़ी का इस्टीमेट वाहन एवं बीमा के लिए 25114 रुपए का खर्च बताया गया। जबकि इसमें बीमा की राशि 10 हजार 300 रुपए शामिल है। वहीं वाहन पंजीयन शुल्क 10235 रुपए और 500 रुपए नम्बर प्लेट का लिया जाना है। इसके बावजूद एजेंसी संचालक 3 हजार रुपए अधिक आरटीओ के नाम पर वसूल कर रहे हैं। इसी तरह शहर के होंडा, बजाज एजेंसी में परिवहन टैक्स के नाम पर अधिक वसूल रहे हैं।
हर महीने आरटीओ के नाम 6 लाख से अधिक वसूली
वाहन पंजीयन के नाम पर जिले में प्रतिमाह 6 लाख रुपए से अधिक वसूली हो रही है। जबकि वाहन पंजीयन शुल्क मेें आरटीओ का दखल समाप्त करने परिवहन विभाग में डीलर प्वांइट पर वाहन पंजीयन दिया गया है। इसके बावजूद डीलर आरटीओ ऑफिस खर्च के नाम पर अधिक राशि वसूल रहे हैं।
वाहन मलिक लें आवश्यक रूप से रसीद
नए वाहनों के पंजीयन ने लिए नया एनआइसी वाहन साफ्टवेयर में वाहन का पंजीयन हो रहा है। ऐसे में नए वाहन पंजीयन के दौरान लगाने वाले शुल्क का पूरा ब्यौरा वाहन मालिक के रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर में आता है। ऐसे में वाहन मालिक उतना वाहन पंजीयन शुल्क अदा करें, जितना कि मैसेज में आता है। इससे अधिक वसूली पर परिवहन विभाग में शिकायत कर सकते हंै।
वाहन मालिक जागरुकता के अभाव में एजेंसी संचालक को अधिक पैसे दे रहे हंै। एजेंसी संचालक से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता है। नए नियम में उन्हें वाहन पंजीयन अधिकारी के अधिकार प्राप्त हंै। इसके बाद भी यदि वाहन शुल्क में अधिक वसूली हो रही है तो इस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मनीष त्रिपाठी, आरटीओ
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