रीवा। लोक शिक्षण संचालनालय मध्यप्रदेश द्वारा राज्य शिक्षा सेवा और अध्यापक संवर्ग के शिक्षकों के वेतन से कटौती करने के बाद भी समय पर एनपीएस की राशि संबंधित कर्मचारियों के खाते में जमा न करने पर नाराजगी जताई है। संभागीय संयुक्त संचालक को पत्र लिखकर जानकारी मांगी गई है। ज्ञात हो कि वर्ष 2010 से अध्यापक संवर्ग को नवीन पेंशन योजना एनपीएस के दायरे में लाकर उनके वेतन से 10 प्रतिशत की राशि काट कर तथा शासन द्वारा 14 प्रतिशत राशि उनके एनपीएस खातों में जमा करने के निर्देश दिए हैं। जिससे रिटायरमेन्ट के समय कर्मचारी को 60 प्रतिशत नगद भुगतान और 40 प्रतिशत पर आजीवन पेंशन बनाई जाती है। लेकिन रीवा जिले में चल रहे बाबूराज के कारण कभी भी कर्मचारी का एनपीएस समय पर जमा नहीं होता, जबकि वेतन से हर माह नगद राशि काट ली जाती है। जिसके कारण कर्मचारी को रिटायरमेन्ट के वाद काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ताजा मामला चन्द्रिका प्रसाद तिवारी माध्यमिक शिक्षक कोटराकला त्योंथर का है। जिनको रिटायर हुए दो साल हो गए हैं पर 15 महीने की राशि गायब होने के कारण उनको आज तक एक पैसे का भी भुगतान नहीं किया गया। वह कई मर्तबा डीईओ,बीईओ आफिस के चक्कर लगा चुके हैं लेकिन कुछ नहीं हुआ।
इसी तरह शत्रुधन त्रिपाठी सहायक अध्यापक पनवार को रिटायरमेंट हुए एक साल से ऊपर हो गया है लेकिन अभी तक उनका भी एक रुपए का भुगतान नहीं हुआ है। पेंशन तक नहीं बनाई गई है। अब आयुक्त लोकशिक्षण ने सभी कर्मचारियों की जमा राशि की जानकारी ली है देखते हैं कितनी सही और कितनी लीपापोती की जाती है। अपर संचालक लोक शिक्षण मप्र धीरेन्द्र चतुर्वेदी ने सभी संयुक्त संचालकों को पत्र लिखकर एनपीएस की राशि के समय पर एनएसडीएल में जमा नहीं होने पर नाराजगी जताई है। पत्र में कहा है कि राशि समय पर नहीं जमा होना वित्तीय नियमों का उल्लंघन है। शासकीय कार्य के प्रति लापरवाही का द्योतक है। सभी जिलों के अध्यापक संवर्ग की अंशदायी पेंशन योजना संबंधी जानकारी 25 जनवरी तक संचालनालय में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
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