रीवा। टीआरएस कॉलेज प्राचार्य की मनमानी को लेकर अब स्ववित्तीय व जनभागीदारी अतिथि विद्वानों ने मोर्चा खोल दिया गया है। अतिथि विद्वानों ने अल्टीमेटम भी दे दिया है कि उनके साथ किए जा रहे अन्याय पर रोक नहीं लगती है तो वह उग्र आंदोलन पर बाध्य होंगे। हालांकि मनमानी सामने आने के बाद टीआरएस प्रबंधन बुधवार को कुछ हद तक बैकफुट पर दिखा व अतिथि विद्वानों के मान-मनोव्वल की प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई है। स्ववित्तीय व जनभागीदारी के अतिथि विद्वानों के मुताबिक टीआरएस कॉलेज में अन्य किसी बात के लिए अकादमिक कलेंडर का पालन नहीं किया गया है, निर्धारित समय यानि कि 1 मई से 21 मई तक परीक्षाएं आयोजित करने का समय था लेकिन नहीं किया गया, इसके अलावा कुछ पाठ्यक्रमों की परीक्षाएं पहले ही करा ली गई है और मासिक टेस्ट अब कराए जा रहे हैं, इतना ही नहीं 90 प्रतिशत ऐसे पाठ्यक्रम है जिनमें अभी तक सेमेस्टर परीक्षा के पहले होने वाले सभी टेस्ट, एसाईमेंट, सेमीनार व प्रोजेक्ट वर्क नहीं हुआ हैं। बीकॉम सीए और बीएससी के वार्षिक पेपर हो चुके हैं और इंटरनल हो रहे हैं, अतिथि विद्वानों ने कहा कि कॉलेज में चल रही प्राचार्य डॉ.केके शर्मा व उनके सहियोगियों की मनमानी को वह अब एक-एक करके उजागर करेंगे।
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एक दिन पहले किया था आश्वस्त
स्ववित्तीय व जनभागीदरी अतिथि विद्वानों ने कहा कि प्राचार्य डॉ.केके शर्मा द्वारा उनके साथ छलावा किया गया है, बताया की ठीक एक दिन पहले अवकाश दिए जाने की सूचना पहले ही होने पर प्राचार्य से मिलने पहुंचे थे लेकिन प्राचार्य ने खुद यह कहा कि अभी परीक्षाएं नहीं हुई हैं ऐसे में अवकाश कैसे दिया जाएगा लेकिन ठीक एक दिन बाद उनके द्वारा अपनी ही बातों को नजरअंदाज करते हुए अवकाश का आर्डर जारी कर दिया गया।
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पूर्व प्राचार्य ने भी की थी मनमानी
स्ववित्तीय व जनभागीदारी अतिथि विद्वानो ंने बताया कि उनके द्वारा इस प्रकार से पूर्व में दिए गए अवकाश को लेकर याचिका हाईकोर्ट में दर्ज की गई थी, जहां से हाईकोर्ट ने इस प्रकार के अवकाश पर रोक लगाई थी लेकिन पूर्व प्राचार्य द्वारा हाइकोर्ट के आदेश का पालन न करते हुए पिछले वर्ष भी अवकाश दिया था जिसके बाद इस मामले को लेकर अतिथि विद्वानों द्वारा हाइकोर्ट को इस मनमानी से अवगत कराया गया और इसके बाद प्राचार्य को अपना निर्णय बदलना पड़ा था, बताया कि वर्तमान प्राचार्य के मनमानी निर्णय की जानकारी भी हाईकोर्ट में दी गई है।
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परीक्षा ड्यूटी नहीं करेंगे
स्ववित्तीय व जनभागीदारी अतिथि विद्वानों ने कहा कि यदि उनका अवकाश निरस्त नहीं किया जाता है तो वह आगामी परीक्षाओं में ड्यूटी नहीं करेंगे। बताया कि मंगलवार को इस संबंध में प्राचार्य डॉ.केके शर्मा सहित उनकी तीन तिकड़ी में शामिल डॉ.बीपी सिंह, डॉ.आरपी चतुर्वेदी व डॉ.संजय सिंह सहित अन्य द्वारा परीक्षा ड्यूटी के लिए दबाव बनाया जा रहा था लेकिन बात सार्वजनिक होने के बाद बुधवार को किसी ने कुछ नहीं कहा और विभागाध्यक्ष भी बातों को घुमाते रहे।
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