रीवा। चुनाव मैदान में उतरने के लिए प्रत्याशी रिटर्निंग आफीसरों की आंखो में धूल झोक रहे है। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी प्रकार के डिफाल्टर यदि सरकारी राशि की वित्तीय अनियमितता की हो, बिजली बिल बकाया, ग्राम पंचायत के सरपंच पद में रहते हुये उन पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगा हो या फिर सजाया ता हो ऐसे व्यक्ति चुनाव मैदान में नहीं उतर सकते। लेकिन मऊगंज जनपद में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें संगीन आरोप में दस साल की सजा मिलने के साथ ही सरपंची कार्यकाल में लगभग 20 लाख रुपये के गबन का आरोप लगा है। इतना ही नहीं 20 लाख रुपये की वसूली किये जाने की नोटिस भी जारी की गई है। ऐसे अ यर्थी ने अपने ऊपर लगे आरोपी को रिटर्निगं आफीसर से छुपाते हुये सरपंच पद के लिए फिर से दावेदारी की है। जिसकी शिकायत स्थानीय धर्मेंद्र कुमार मिश्रा पिता रामानुज मिश्रा निवासी डिघौल ने रिटर्निगं आफीसर से की है। धर्मेंद्र कुमार मिश्रा ने मऊगंज जनपद के ग्राम पंचायत डिघौल के निवर्तमान सरपंच एंव सरपंच पद के दावेदार ददन प्रसाद मिश्रा पर आरोप लगाया है कि इनको एक गंभीर मामले में न्यायालय ने दस वर्ष की सजा सुनाई थी। जिसे छुपाते हुये पूर्व पंचायत चुनाव में सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ा था। सरपंची कार्यकाल में ददन प्रसाद मिश्रा एंव सचिव, रोजगार सहायक द्वारा काफी अनियमितता की गई। जिसकी जांच भी हुई,जांच उपरांत उन पर 1963330 रूपये की वसूली निकली थी। उसके बावजूद भी निवर्तमान सरपंच ददन प्रसाद मिश्रा ने पंचायत चुनाव में सरपंच पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। शिकायतकर्ता ने मांग की है कि निवर्तमान सरपंच के फार्म के सत्यता की जांच की जाये।
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