रीवा। हम आपके लिए रीवा से जुड़ी एक ऐसी जानकारी इस खबर में लेकर आए है जिसके बारे में आप जान खुद हैरान रह जांएंगे, यह कंपन रोजाना आप से संपर्क भी करती है लेेकिन शायद आप भी इसके जादुई कार्य के बारे में जानते होंगे। तो हम आपको इस खबर में इसी कंपनी के बारे में जानकारी देने जा रहे है, यह कंपनी कोई और नहीं आपके द्वार पर रोजाना सुबह कचरा कलेक्शन करने आने वाले वाहनों को चलाने वाली कंपनी रेमकी है, इस कंपनी के पास पूरे नगर निगम क्षेत्र में कचरा कलेक्शन ठेका है और इस कंपनी द्वारा 100 प्रतिशत कचरा कलेक्शन का दावा भी निगम द्वारा किया जाता है, यह कोई मौखिक दावा नहीं हर वर्ष नगर निगम होने वाले स्वच्छता सर्वेक्षण में 100 प्रतिशत कचरा कलेक्शन का दावा करता है लेकिन असल में ऐसा हो नही रहा है क्योंकि कंपनी के पास वर्तमान में 52 गाडिय़ों का चलाने का दावा किया जा रहा है और शहर भर में 61 हजार से अधिक घर है ऐसे में यह कंपनी 100 प्रतिशत कचरा कलेक्शन इन वाहनों से कैसे करती होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है, इस बात को लेकर हाल ही में निगम के पार्षदों ने भी आक्रोश जाहिर किया है।
ऐसे समझे फर्जीवाड़ा…
बता दे कि कचरा कलेक्शन कर रही कंपनी द्वारा 52 वाहनो ंसे कचरा कलेक्शन का दावा किया जाता है, हालांकि गाडिय़ा सड़क पर इससे कम ही चलती है लेकिन कंपनी की बात मानी जाए तो भी 100 प्रतिशत कचरा एक दिन में उठाव नहंी किया जा सकता है। क्योंकि निगम के रिकार्ड के अनुसार कुल 61861 घरों से टैक्स लिया जा रहा है, आवासों की संख्या इससे भी अधिक है लेकिन निगम के रिकार्ड पर बात की जाए तो यदि रेमकी कंपनी का एक कचरा वाहन 12 घंटे लगातार कचरा कलेक्शन करता है तो दिन में वह 720 मिनट कचरा कलेक्शन करेगा, एक घर में यदि एक मिनट भी वाहन का रूकना माना जाए तो एक वाहन दिन में 720 घरों में कचरा कलेक्शन करता है, इसी प्रकार 52 वाहनों से रेमकी 37440 घरों का कचरा उठा सकता है 12 घंटे लगातार काम करने पर हालांकि ऐसा होता नहीं है। कंपनी के वाहन वार्डो में 4-5 घंटो के लिए ही जाते है। इसके बावजूद भी 24421 घरों को कंपनी छोड़ रही है, कुछ जगहो पर ठेला व हाथ ठेला चलाने की बात कंपनी करती है तो भी इतने घर को कवर नहीं किया जा सकता है और यदि कंपनी इसके बाद भी 100 प्रतिशत का दावा कर रही है तो वह सच में ही जादुई तरीके से काम कर रही है जिसे समझ पाना हकीकत से परे है।
सूत्रों की माने तो कंपनी को प्रति दिन 120-130 टन कचरा उठाव प्रतिदिन का बिल बनाया जा रहा है, यह अधिकारियों की मेहरबानी है, क्योंकि जितना कंपनी कचरा उठाव का दावा करती है, सड़क पर भी कचरा पड़ा रहता है। निगम अधिकारियों की मेहरबानी से जरूर 100 प्रतिशत कचरा कलेक्शन हो जाता है। यहां जनता के साथ ठगी ऐसे भी हो रही है कि बिना कचरा उठाव के ही संपत्तिकर के साथ कचरा कलेक्शन चार्ज की वसूली हर माह हो रही है, जनता को बिना सुविधा दिए ही राशि वसूली जा रही है। इसे लेकर कई दफा विवाद भी हो चुके है लेकिन किसी कार्य में संपत्तिकर की रसीद न होने पर कार्य रोक दिया जाता है जिससे मजबूरन लोगो को टैक्स भरना पड़ता है।
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मेरे वार्ड 44 में 8 बजे गाड़ी आती है, कुल भवनो की संख्या 1870 है, यदि एक मिनट गाड़ी 12 घंटे काम वार्ड में करती है तो भी 720 घर ही कलेक्शन कर पाती है क्योंकि एक ही गाड़ी वार्ड में कचरा कलेक्शन के लिए दी गई है। 24 घंटे काम करे तो भी 1440 घर ही कलेक्शन होता है 430 घर फिर भी छूट जाते है। ऐसे में कचरा कलेक्शन व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है,ऐसे ही कई वार्डो में स्थिति है। वाहनों को बढ़ाया जाना चाहिए तभी 100 प्रतिशत कचरा कलेक्शन का दावा पूरा होगा नहीं तो हर वर्ष इसी तरह झटका निगम को लगता रहेगा।
नीरज पटेल, पूर्व वित्त प्रभारी नगर निगम।