रीवा।मण्डप सांस्कृतिक शिक्षा कला केन्द्र, रीवा द्वारा आयोजित विनम्र प्रतिष्ठा आयोजन पाँच दिवसीय राष्ट्रीय रंग अलख नाट्योत्सव की चौथी शाम प्रसिद्ध नाटक “द ग्रेट राजा मास्टर ड्रामा कंपनी”, की प्रस्तुति हुई। नाटक द ग्रेट राजा मास्टर ड्रामा कंपनी नाटक परिस्थितियों के कारण उत्पन्न भ्रम के मिश्रण से हास्य को जन्म देता है। हल्के कथावस्तु को निर्देशक द्वारा अभिनेताओं के संवादों, दृश्यों एवं संगीत की रोचकता से दर्शकों को बांध रखा था। नाटक का लेखन दिनेश भारती ने किया, नाटक के निर्देशक अंकित मिश्रा मध्यप्रदेश नाट्य विद्यालय से प्रशिक्षित हैं, नाटक के सहनिर्देशक बालकृष्ण मिश्रा एवं आरती है। मण्डप के लगभग 30 से अधिक कलाकार नाटक का हिस्सा है,
मंच पर श्रेष्ट कलाकार शुभांगी कात्यायनी सहित वैभव सिंह, जय सिंह, दिव्यांशु सिंह, आसना, पुष्पराज पटेल, नवीन मिश्रा, वैष्णवी आहूजा, पिया, भूमिका निगम, अश्वनी, आदित्य,योगी, गौरव, विशेष, रत्नेश(कान्हा), अंकुश पटेल, अंश राजपाल, अनुराग तिवारी, रिया सिंह आदि थे। युवा कलाकारों ने अपने अभिनय कौशल से दर्शकों का मन मोह लिया ।
नाटक का कथासार, नाटक के रिहर्सल से होती है जीवन्त रूप से नाटक का पूर्वाभ्यास आरम्भ होता है साथ ही नाटक में निर्देशक की भूमिका बालकृष्ण मिश्रा निभा रहे हैं।
निर्देशक का चरित्र पहले टेलरिंग की दुकान चलाता था आधुनिकता की अंधी दौड़ में फैशन प्रेमियों के कारण दुकान बंद कर देता है बाद में नाटक समूह बनाता हैं नाट्य समूह में कई अभिनेता साथ काम करते हैं समूह में सदैव समस्या आती है जैसे आज कोई मौसी के चला गया है, कोई सब्जी लेने चला गया है, उसको बहुत ही रोचकता से दृश्य में शामिल किया गया है नाटक के अन्दर नाटक की रिहर्सल होती है। अकबर अनारकली और सलीम की कथा का पूर्वाभ्यास हो रहा है कहानी आगे बढ़ने पर अनारकली मंचन के दिन अपने प्रेमी के साथ भाग जाती है। निर्देशक मंचन के लिए चिंतित है किस विधि से नाटक का मंचन किया जाय तब चंपाकली को ही अनारकली बना दिया जाता है। इधर अकबर और सलीम भी बदल जाते हैं इन घटनाओं को मनमोहक गतियों से पिरोया गया है। अनारकली का किरदार निभा रही शुभांगी कात्यायन की प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा और जमकर तालियों से कलाकार का उत्शाह वर्धन किया।
पूर्वरंग में आर्ट प्वाइंट के तत्वावधान में संचालित नुक्कड़ पाठशाला के छात्रों ने रंगों के उत्पन्न होने की वैज्ञानिक विधि को थियेटर इन एजुकेशन के अंतर्गत प्रसून मिश्रा के मार्गदर्शन में प्रस्तुत किया। मंच पर रवि बंसल, निखिल बंसल, करण बंसल, अर्जुन बंसल, आकांक्षा कुशवाहा, शिवम कुशवाहा, अंश कुशवाहा, आँचल बंसल, पीयूष सोंधिया, अंजलि बंसल थे, इनका सहयोग दलजीत सिंह , सागर तिवारी , क्षतिज पांडेय ने किया।
पूर्वरंग में ही क्षितिज पाण्डेय ने देशभक्ति से प्रेरित हो ओजपूर्ण स्वलिखित कविताओं का वाचन किया एवं योगेश द्विवेदी ने मानुष के एकांत को काव्य में पिरोकर सुनाया। महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सदैव प्रयासरत दीक्षा गोस्वामी ने ताईक्वांडो का प्रदर्शन किया। बताया गया कि
कल दोपहर 12:00 बजे से *लोकनाट्य परम्परा, प्रयोग और अलखनंदन* विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित होगी, विशिष्ठ वक्ता के रूप में संगीत नाटक अकादमी सम्मान से सम्मानित पूर्व निदेशक भारतेन्दु नाट्य अकादमी लखनऊ, सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ जी, वरिष्ठ नाट्य समीक्षक गिरिजाशंकर एवं पूर्व संयुक्त निदेशक, हिन्दी ग्रंथ अकादमी भोपाल प्रोफेसर सेवाराम त्रिपाठी जी अपने उद्गार रखेंगे। एवं शाम 6:30 बजे शाम नोबल पुरस्कार प्राप्त लेखक *दारियो फ़ो* के नाटक *द टेल ऑफ टाइगर* का रूपांतरण *दहाड़* का मंचन रंग आभा नाट्य समूह लखनऊ की प्रस्तुति होगी। नाटक दहाड़ निर्देशन सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ ने किया है।