नई दिल्ली। भारत एक ऐसा देश है जहाँ के चीजे ऐसी हैं जो रहस्य बनकर अब भी लोंगो के मनो में सवाल बन भटक रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जगन्नाथ मंदिर से जुड़ा हुआ है। इन अनकहे रहस्यों के बारे में शायद ही आप जानते होंगे, तो आइए इस खबर में हम आपको जगन्नाथ मंदिर उड़ीसा से जुड़े हुए कुछ ऐसे ही रहस्यों की जानकारी देते है। बता दें कि हिंदू के चार धामो में से एक जगन्नाथ धाम है। यह धाम यू तो चमत्कारों से भरा है लेकिन मंदिर से जुड़े कुछ ऐसे रोचक तथ्य है जो भारत समेत पूरे विश्व को आश्चर्य में डाल देते हैं। जगन्नाथ धाम अन्य 3 धामो, हिमालय की चोटी में बने बद्रीनाथ धाम, पश्चिम में स्थित द्वारिका और दक्षिण में बने रामेश्वरम धाम। इन चारों धामो में भगवान विष्णु यात्रा करते हैं। जिसमे वह भोजन के लिए जग्गनाथ धाम जाते हैं। बता दें की दूसरे मंदिरों में जंहा मूर्तिया पत्थर या मेटल की होती हैं। लेकिन जगन्नाथ मंदिर में मूर्तिया लकड़ी की बनी हुई हैं। इन मूर्तियों के कई रहस्य हैं। संचार सूत्रों की माने तो हर 12 साल में इन मूर्तियों को बदला जाता है। 12 साल के बाद भगवान जगन्नाथ की एक नई लकड़ी से जगन्नाथ, बालभद्र व शुभद्रा की मूर्तियों को तैयार किया जाता है। पहला रहस्य यह है कि जिस दिन मूर्तियों को बदला जाता हैं उस दिन शहर की बिजली कट कर दी जाती है और मंदिर के चारो तरफ सीआरपीएफ तैनात कर दी जाती है, इस दौरान मंदिर में किसी को प्रवेश नही डिया जाता है। इन मूर्तियों को बदलने की जिम्मेदारी यहाँ के सबसे बड़े पुजारी को दी जाती है। जिस पुजारी द्वारा इन मूर्तियों को बदला जाता है उनकी आंखों में भी पट्टी बधी होती है। ताकि उन्हें भी कुछ दिखाई न दे, यह कार्य बिल्कुल अंधेरे में किया जाता है। बताया जाता है कि पुरानी मूर्ति से एक पदार्थ निकलता है जिसे ब्रम्ह पदार्थ कहा जाता है। इसे निकाल कर नई मूर्तियों में रख दिया जाता है। यह परंपरा मंदिर के स्थापना से लेकर से अभी तक चल रही है। इस ब्रम्ह पदार्थ की गोपनीयता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है, पुजारी के हाथ मे दास्ताना और आंखों में पट्टी बांध दी जाती है ताकि इसे वह छू कर भी महसूस नही कर सके की यह है क्या?जिन भी पुजारियो ने इस पदार्थ को अपने हाथ मे लिया उनके अनुसार यह कोई जीवित चीज जैसा है, मानो कोई खरगोश हाथों में उदक रहा हो। ऐसी मान्यता है कि जब श्री कृष्ण का अंतिम संस्कार हुआ तो उनका पूरा शरीर पंच तत्व में विलीन हो गया लेकिन उनका हृदय बिल्कुल जिंदा रहा और वह आज भी भगवान जगननाथ की मूर्ति में आज भी धड़क रहा है। इसके अलावा भी कुछ अनकहे रहस्य इस मंदिर से जुड़े हुए हैं जो हम आपको आगे की खबरों में बताते रहेंगे।
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