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रीवा। छोटी दरगाह के पास संचालित मदरसा सदस्य ने फर्जी अध्यक्ष बनकर हाल किराए पर दे दिया था। मेडिकल एजेंसी से 6 लाख रुपए लेने का एग्रीमेंट भी करा रखा था। प्रशासन ने शिकायत जांच कराई तो शिकायत सही पाई गई। गुरुवार को प्रशासन और पुलिस की मौजूदगी में दुकान खाली करा ली गई।
मिली जानकारी के अनुसार अंजुमन तालीम हिंदी उर्दू मदरसा छोटी दरगाह के पास रीवा के अध्यक्ष अमीनउल्ला खान एवं सचिव अकबर निजामी ने एसडीएम के यहां लिखित शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया था कि मदरसा संचालन समित बिना जानकारी व सहमति के समिति के सदस्य मोहम्मद सगीर के द्वारा गलत तरीके से मदरसे के भीतर बने कामन हाल को किराए पर मोहम्मद वारिस खान निवासी घोघर को दे दिया था। इसे खाली करने के लिए अमीनउल्ला खान ने दो महीने पहले इस पर आपत्ति दी थी। इसके बाद भी मोहम्मद वारिस ने दुकान खाली नहीं किया। इसकी शिकायत निराकरण के लिए तहसीलदार हुजूर और नायब तहसीलदार हुजूर के पास पहुंचा। दोनों पक्षों की बातें सुनी गईं। सुनवाई में पाया गया कि मोहम्मद सगीर का मदरसे की भूमि पर किसी तरह का हक नहीं बनता। यही वजह है कि समझाइश के बाद मदरसा की दुकान कब्जेदार से खाली करा ली गई।
यह था मामला… छोटी दरगाह के पास मदरसा संचालित है। अमीनउल्ला खान अध्यक्ष और सचिव अकबर नियाजी हैं। मोहम्मद सगीर मदरसा सदस्य हंै। दो साल से सगीर के भरोसे ही मदरसा संचालित हो रहा था। मोहम्मद सगीर ने मोहम्मद वारिस से 6 लाख उधार लिए थे। इसी उधार को चुकाने के लिए उन्होंने मदरसा का कामन रूम व अन्य कमरे ही किराए पर दे दिए। एजेंसी वाले ने उधार का रुपया किराए की दुकान की राशि में जोड़ दी। 5 लाख की रसीद काट दी और एग्रीमेंट कर लिया है। हर महीने 20 हजार रुपए किराया देने का एग्रीमेंट भी करा लिया। यह सारा एग्रीमेंट अध्यक्ष बनकर मोहम्मदर सगीर ने कराया। जांच करने गए अधिकारियों ने जब बताया कि अध्यक्ष तो कोई और है आपने कैसे अध्यक्ष बनकर एग्रीमेंट करा लिया तब सगीर ने बताया कि मैं अध्यक्ष हूं। मुझे मौखिक रूप से अध्यक्ष बना दिया गया था। जांच के बाद दस्तावेज निराधार मिले। दुकान खाली करा ली गई। ००००००००००००००००००