सभी ताजा खबरें पढ़ने के लिए कृपया जरूर जुड़े🙏
Join Now
नई दिल्ली। देश के सरकारी स्कूलों पर सवाल खड़े किए जाते हैं कि यह पदस्थ शिक्षक छात्रों को पढ़ाते नही है और यही वजह है कि छात्रों का भविष्य प्राइवेट स्कूलों व कोचिंग पर निर्भर रह गया है। ऐसे ही एक मामले ने इस प्रकार के आरोपो को कही न कही सही भी साबित किया है, जिसमे शिक्षक तो शिक्षक प्राचार्य पर भी सवाल खड़े हो रहे है, हो भी क्यो न इस सरकारी स्कूल के प्राचार्य ने काम ही वह किया है जो शायद ही अभी तक आपने सुना होगा। दरअसल एक छात्र को प्राचार्य ने उसकी ही मौत पर आधे दिन की छुट्टी दी। जिसकी चर्चा देश भर में है।
क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कानपुर में जीटी रोड स्थित आरके मिशन इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले 8वी के छात्र को हाफ टाइम में छुट्टी चाहिए थी, छात्र ने अपनी ही मौत का उल्लेख करते हुये आवेदन में लिखा कि ‘ सविनय नम्र निवेदन है कि प्रार्थी राहुल(बदला हुआ नाम) का 20 अगस्त को दिन 10 बजे मेरा देहांत हो गया है। अनुरोध है कि प्रार्थी को हाफ टाइम में अवकाश देने की कृपा करें, महान दया होगी’ जिसके बाद वह यह आवेदन प्राचार्य के पास लेकर पहुंचा तो प्राचार्य डीके शुक्ला ने उसे इसी आवेदन पर अपने लाल पेन से ग्रांटेड कर्ज हुए हस्ताक्षर भी कर दिए। छात्र को छुट्टी मिल गई और वह घर चला गया।
सामने आया आवेदन तो खुली पोल
बताया जाता है कि जब छात्र ने इस तरह के आवेदन में छुट्टी ले ली तो कुछ दिन बाद उसने यह बात अपने दोस्तों को भी बताई जिसके बाद उसका आवेदन सामने आया और हो-हल्ला हुआ। जिसके बाद इसकी चर्चाएं शुरू हुई। बता दें कि इस प्रकार के अजीबो गरीब उदाहरण केवल एक नही बल्कि कई सरकारी स्कूलों में हैं।