भागवत कथा के चौथे दिन मनाया गया श्रीकृष्ण जन्म, जमकर थिरके श्रद्धालु
रीवा। ग्राम बेलहाई में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन श्री कृष्ण जन्म मनाया गया, इस दौरान ढोल-नगाड़े की धुन पर जमकर श्रद्धालु थिरके, गांव भर में मिठाईयां बांटी गई। कथा प्रवचन कर रहे हीरेन्द्राचार्य महाराज ने श्रद्धालुओं को श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाई।
उन्होंने कहा कि भगवान की लीला अपरंपार है। वे अपनी लीलाओं के माध्यम से मनुष्य व देवताओं के धर्मानुसार आचरण करने के लिए प्रेरित करते हैं।
श्रीमदभागवत कथा के महत्व को समझाते हुए कहा कि भागवत कथा में जीवन का सार तत्व मौजूद है आवश्यकता है निर्मल मन ओर स्थिर चित्त के साथ कथा श्रवण करने की। भागवत श्रवण से मनुष्य को परमानन्द की प्राप्ति होती है। भागवत श्रवण प्रेतयोनी से मुक्ति मिलती है।
चित्त की स्थिरता के साथ ही श्रीमदभागवत कथा सुननी चाहिए। भागवत श्रवण मनुष्य केे सम्पूर्ण कलेश को दूर कर भक्ति की ओर अग्रसर करती है। उन्होंने अच्छे ओर बुरे कर्मो की परिणिति को विस्तार से समझाते हुए आत्मदेव के पुत्र धुंधकारी ओर गौमाता के पुत्र गोकरण के कर्मो के बारे में विस्तार से वृतांत समझाया ओर धुंधकारी द्वारा एकाग्रता पूर्ण भागवत कथा श्रवण से प्रेतयोनी से मुक्ति बताई तो वही धुंधकारी की माता द्वारा संत प्रसाद का अनादर कर छलकपट से पुत्र प्राप्ती ओर उसके बुरे परिणाम को समझाया।
कथा श्रवण करने सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। आयोजन समिति के साधूलाल दुबे, कमलेश्वर दुबे, रघुवंश प्रसाद दुबे, राम प्रसाद दुबे, श्रीकांत दुबे, सुशील दुबे सहित अन्य ने कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर कथा श्रवण करने की अपील की है।
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