नई दिल्ली। हमारे देश मे इन दिनों सरकारे नाम परिवर्तन का ट्रेंड चलाये बैठी है। कई शहरों व स्टेशनों के नाम बदले गए है। अब यह काम चाइना भी करने जा रहा है। फर्क इतना है कि चाइना अपने देश नही भारत के जगहों के नाम बदलने जा रहा है ऐसा संचार सूत्रों का कहना है, और इन दिनों मामले को लेकर चर्चाएं भी जोरो पर हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि भारत की जगहों के चाइना कैसे नाम बदल सकता है और बदल रहा है तो वह जगह कौन सी हैं। तो हम आपको इस खबर में इसी से जुड़ी तमाम बाते बताने जा रहे हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि भारत का अरुणांचल प्रदेश राज्य की आबादी 14 लाख की है और अरुणांचल प्रदेश 1129 किमी बॉर्डर तिब्बत के साथ सांझा करता है और अरुणांचल प्रदेश पर चाइना और ताइबान दोनो ही ये दावा करते हैं कि अरुणांचल प्रदेश उनका है और उनके हिस्से में है हालांकि यह बात भी जानना जरूरी है कि यूएसए भले ही अक्साई चिन के मामले में शांत बैठा है लेकिन अरुणांचल प्रदेश के मामले में खुल के ऑन रिकॉर्ड कह चुका है कि यह भारत का है और 60 वर्षो से भारत के हिस्से में है। अब चाइना भारत के अरुणांचल प्रदेश के 15 जगहों के नाम बदलने जा रहा है। आपको लग रहा होगा कि चाइना ऐसा क्यों कर रहा है जबकि भारत ने तो चाइना के विंटर ओलंपिक के सपोर्ट किया है। आपको बता दें कि इसकी सुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी जब डलाई लामा की ऐतिहासिक विजिट हुई थी, अरुणांचल प्रदेश में इस विजिट के होने पर चाइना ने इसका बहुत विरोध किया था और इसी विजिट के बाद ही देखने मे आया कि डोकलाम क्राइसिस भी खड़ा हो गया था। तो अब चाइना अरुणांचल प्रदेश की कई जगहों के नाम बदलने की बात कर भारत पर मानसिक दबाब बनाना चाहता है। चाइना अरुणांचल प्रदेश के किसी सिटी का नाम नही बदलेगा बल्कि कई स्थानों के नाम बदलने की बात कर रहा है। चाइना ने नाम बदलने की शुरुआत वर्ष 2017 में ही कि थी, चाइना ने नामकपूब री और बोमो ला के नाम बदल दिए थे ये दो लोकेशन है जंहा चाइना भारत की 1962 में लड़ाई हुई थी। चाइना अब 15 जगहों के नाम बदल रहा है ताकि वह अपना दावा ठहरा सके। अब इस मामले को जानने के बाद हमे चाइना के विंटर ओलंपिक का बहिष्कार करना चाहिए या नही हमे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं…
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