रीवा। गेहूं उपार्जन और वेयर हाउस भंडारण में फिर बड़ा घोटाला सामने आया है। दो ट्रक गेहूं ही खरीदी केन्द्र और वेयर हाउस के बीच से पार कर दिया गया। वेयर हाउस से स्वीकृति पत्रक बिना दस्तावेज के जारी कर दिया गया लेकिन 12 लाख का 600 क्विंटल गेहूं जमा नहीं हुआ। जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। जिला प्रबंधक सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन ने मामले में संलिप्त कर्मचारियों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई शुरू कर दी है। ज्ञात हो कि हाल ही में शासकीय दर पर खरीदी केन्द्रों में गेहूं का उपार्जन किया गया था। खरीदी केन्द्रों से गेहूं उपार्जन के बाद उन्हें वेयर हाउस तक पहुंचाने के लिए ट्रांसपोर्टरों को जिम्मेदारी दी गई थी। खरीदी केन्द्र आदर्श स्वसहायता समूह सुपिया के नाम पर बिना गेहूं गोदाम पर जमा किए ही फर्जी तरीके से स्वीकृति पत्रक जारी कर दिया गया है। इसमें औचक निरीक्षक सर्वेयर से लेकर गोदाम सर्वेयर, समूह संचालक, खरीदी प्रभारी, पीटीएस में पदस्थ डाटा आपरेटर तक की भूिमका संदिग्ध है। हद तो यह है कि दो ट्रक गेहूं खरीदी केन्द्र और वेयर हाउस के बीच से गायब कर दिया गया। इसकी कीमत करीब 12 लाख रुपए आंकी जा रही है।
यह है पूरा मामला
सुपिया खरीदी केन्द्र से दिनांक 4 मई 2022 को गेंहू से लोड ट्रक क्रमांक एमपी 14जीटी 014 में 600 बोरी वजन 298.32 क्विंटल, इटार पहाड़ कैंप में नहीं आने के बावजूद सर्वेयर एवं आपरेटर ने परिवहनकर्ता से सांठगांठ कर स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इसी प्रकार 13 मई 2022 को ट्रक क्रमांक एमपी 40 सीओ 8013 में 600 बोरी , वजन 298.47 क्विंटल उदित इन्फ्रा कौआढ़ान में नहीं आने के बाद भी परिवहनकर्ता को स्वीकृति प्रदान कर दी गई। कुल 596.79 क्विंटल यानि 12 लाख का आर्थिक गबन किया गया।
यह है नियम और व्यवस्था
समिति में ट्रक लोडिंग के लिए परिवहनकर्ता ट्रक भेजने के बाद गेहूं लोड होने पर पुष्टि उपरांत आनलाइन अपने आईडी से बिल्टी जारी करेगा। बिल्टी जारी होने के बाद समिति में उपस्ििात सर्वेयर द्वारा गेहूं पास कर आनलाइन ट्रक चालान जारी करेगा। ट्रक चालान जारी होने के बाद ट्रक ड्राइवर द्वारा सुरिक्षत ट्रक चालान में उल्लेखित गोदाम या कैंप में गेहूं पहुंचाएगा। समिति से गोदाम या कैंप तक गेहूं पहुंचाने की समस्त जवाबदारी परिवहनकर्ता की होती है। इसके स्थाई निर्देश गेहूं उपार्जन नीति में हैं। इसी में हेरफेर किया गया है।
इन पर कार्रवाई की है तैयारी
जिला प्रबंधक रीवा मप्र स्टेट सिविल एम्पाइज कार्पोरेशन लिमिटेड ने राज्य समन्वयक एमपी कॉन लिमिटेड को पत्र लिखा है। पत्र में नागेन्द्र सिंह डाटा आपरेटर की सेवाएं वापस किए जाने को कहा गया है। इसके साथ ही कहा गया है कि इस घोटाले में औचक सर्वेयर अमन शुक्ला, गोदाम प्रभारी देवाशू शुक्ला एवं समूह संचालक तथा मप्र सिविल सप्लाई कार्पोरेशन रीवा के प्रदाय केन्द्र पीटीएस में एमपीकॉन लिमिटेड भोपाल के माध्यम से पदस्ाि आउटसोर्स डाटा आपरेटर द्वारा मिली भगत कर स्वीकृति पत्रक जारी किया गया है। भौतिक रूप से गाडिय़ां गोदाम में नहीं उतरी और इनके कोई भी दस्तावेज गोदाम में नहीं मिले। डाटा आपरेटर नागेन्द्र सिंह सहित सभी के खिलाफ पुलिस अभ्यिोजन की कार्रवाई की जा रही है।