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रीवा। केंद्र व राज्य सरकार के निर्देश पर घर-घर तिरंगा अभियान अब नागरिकों पर थोपा जाने लगा है। गुरुवार को कॉलेज चौक स्थित कैनरा बैंक ने अपने ग्राहकों को 50-50 रुपये में तिरंगा ध्वज का विक्रय किया, जो ग्राहक ध्वज नहीं लेना चाहते थे, उन्हेंं भी जबरन ध्वज थमाया गया। कुछ ग्राहकों ने बताया कि राष्ट्रीय सम्मान में जो ध्वज लिया भी, वह तय मानक के विपरीत है। ध्वज के कपड़े की गुणवत्ता भी अच्छी नहीं है। इसके अलावा चारों तरफ की कटिंग बेतरतीब तरीके से की गई है।
क्या है मामला…
गौरतलब है कि आजादी के 75 वर्ष होने पर केंद्र सरकार द्वारा अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इस उपलक्ष्य में अब घर-घर तिरंगा अभियान भी चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत डाकघर, बैंक व अन्य सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा इस बार तिरंगा ध्वज का विक्रय किया जा रहा है। सत्ताधारी दल भाजपा ने भी राष्ट्रीय ध्वज के विक्रय करने का निर्णय लिया है। इस अभियान का राजनीतिकरण होने से विपक्ष ने तिरंगे का व्यापारीकरण करने का आरोप लगाना शुरू कर दिया है। इस संबंध में बीते दिनों आरोप लग चुके हैं कि राज्य स्तर पर 1 हजार करोड़ रुपये की राष्ट्रीय ध्वज की खरीदी हुई है। इस बाबत गुजरात की कंपनी से उक्त ध्वज की खरीदी की गई है। इसके अतिरिक्त सतना और ग्वालियर जिले में दो लाख से अधिक राष्ट्रीय ध्वज को वापस लौटाने की जानकारी भी आ चुकी है।
तिरंगे का यह कैसा सम्मान
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की साइज के साथ ही उसके तीनों रंगों की पट्टिकाओं तथा चक्र में कितनी सलाकाओं के साथ ही झंडारोहण के लिए संविधान में उल्लेखित है। इसकी अलग से संहिता बनायी गई है। राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई व चौड़ाई 3 अनुपात दो में ही होनी चाहिए चाहे व छोटा हो या बड़ा, लेकिन अभियान के तहत नागरिकों पर जो तिरंगा थोपा जा रहा है वह किसी भी मानक में खरा नहीं है। कैनरा बैंक से 50 रुपए में जो तिरंगा एक खातेदार को दिया गया है उसकी आधार की तरफ चौड़ाई 39 सेमी तो दूसरी तरफ 59 सेमी है। टाप में केसरिया रंग की ओर लंबाई 72 सेमी तो नीचे की लंबाई 66 सेमी है। तिरंगा कहीं कटा फटा नहीं होना जाहिए लेकिन उसमें मनमानी कटिंग की गई और जहां तहां से धागे निकल रहे हैं। यह तिरंगे का कैसा सम्मान है। शहीदों के याद व आजादी के अमृत महोत्सव दौरान तिरंगे सम्मान में घर-घर ध्वाजारोहण तिरंगे का सम्मान है लेकिन इस तरह से तिरंगे का सम्मान कम अपमान ज्यादा है।
राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे की साइज के साथ ही उसके तीनों रंगों की पट्टिकाओं तथा चक्र में कितनी सलाकाओं के साथ ही झंडारोहण के लिए संविधान में उल्लेखित है। इसकी अलग से संहिता बनायी गई है। राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई व चौड़ाई 3 अनुपात दो में ही होनी चाहिए चाहे व छोटा हो या बड़ा, लेकिन अभियान के तहत नागरिकों पर जो तिरंगा थोपा जा रहा है वह किसी भी मानक में खरा नहीं है। कैनरा बैंक से 50 रुपए में जो तिरंगा एक खातेदार को दिया गया है उसकी आधार की तरफ चौड़ाई 39 सेमी तो दूसरी तरफ 59 सेमी है। टाप में केसरिया रंग की ओर लंबाई 72 सेमी तो नीचे की लंबाई 66 सेमी है। तिरंगा कहीं कटा फटा नहीं होना जाहिए लेकिन उसमें मनमानी कटिंग की गई और जहां तहां से धागे निकल रहे हैं। यह तिरंगे का कैसा सम्मान है। शहीदों के याद व आजादी के अमृत महोत्सव दौरान तिरंगे सम्मान में घर-घर ध्वाजारोहण तिरंगे का सम्मान है लेकिन इस तरह से तिरंगे का सम्मान कम अपमान ज्यादा है।
वर्सन
जो तिरंगा मानक में नहीं है उसे किसी भी परिस्थिति में लोगों को नहीं देना है। ऐसे तिरंगों को जमा करना है। यदि कही ऐसा हुआ है तो जांच की जायेगी। लापरवाही पर कार्रवाई भी की जायेगी।
– स्वप्रिल वानखेड़े सीईओ जिपं रीवा।