रीवा। गुना में वनक्षेत्र में अवैध शिकार ने तीन पुलिसकर्मियों की जान ले ली । इस घटना से भी रीवा के राजस्व अधिकारी सबक नहीं ले रहे हैं। विवाद की स्थिति निर्मित कर रहे हैं। मड़वां बीट क्रमांक आरएफ 14 में आदिवासियों को बसाने और अतिक्रमण कराने मौके पटवारी और आरआई पहुंच गए। ग्रामीणों ने इसका विरोध किया और वन विभाग को सूचना दी। विरोध के बाद ही राजस्व अमला वापस लौटा।
मिली जानकारी के अनुसार वन परिक्षेत्र रीवा के मड़वा बीट क्रक्ष क्रमांक आरएफ 14 का विवाद सुलझ नहीं पा रहा है। यहां वनभूमि पर सैकड़ों लोगों ने कब्जा किया था। इसे पुलिस और प्रशासन की मदद से हटाया गया था। इसी जमीन पर गलत तरीके से आदिवासियों को पट्टा का वितरण भी कर दिया गया है। जिस जगह पर आदिवासियों को जमीन आवंटित की गई है। उसकी जानकारी तक पट्टेदारों को नहीं है। बिना वनभूमि पर बसे ही उनके नाम से वन अधिकार पत्र जारी कर दिया गया। अब फिर से वन भूमि पर ही नजरे लगी हुई हैं। यही वजह है कि रविवार की शाम करीब 4.30 बजे मड़वा पटवारी भैयालाल आदिवासी, आरआई विनोद पाण्डेय एवं बांसा पटवारी स्वामीशरण साकेत वनभूमि में मुनारे के अंदर पहुंच गए। वह लोगों को वनभूमि में अतिक्रमण कराने के इरादे से पहुंचे थे। इसकी भनक जैसे ही मड़वा ग्राम के लोगों को हुई। सभी ने राजस्व अधिकारियों को घेर लिया। इतना ही नहीं वन भूमि में अतिक्रमण कराए जाने की सूचना वन विभाग के बीटगार्ड को भी दी गई। मौके पर पहुंचे वनकर्मी और ग्रामीणों ने सीमांकन और अतिक्रमण का विरोध किया। इसके बाद राजस्व अमले को वापस लौटना पड़ा।
इसमें भी फंस गया है पेंच
रीवा रेंज अंतर्गत गोविंदगढ़ सर्किल के मड़वा बीट में जिन लोगों को पट्टा दिया गया। वह अब अपनी जमीन का सही नंबर ही नहीं बता पा रहे हैं। करीब 20 आदिवासियों को पट्टा दिया गया है। उन्हें यह भी नहीं पता कि वह कहां बसे थे और कहां का भूमि अधिकार पट्टा जारी किया गया है। वन अधिकारियों से जमीन की जानकारी मांग रहे हैं। वन अधिकार पत्र जारी होने के बाद पीएम आवास की राशि भी स्वीकृत हो गई। अब उस राशि से घर कहां बनाएं इसमें पेंच फंसा है।पालीगान और खसरा में अंतर है। इसकी पुष्टि भी सीमांकन में हो चुकी है। खसरा नंबर जो वन अधिकार पत्र में दर्ज है, उससे सीमांकन किया गया तो जीपीएस से पालीगान 300 से 400 मीटर दूर मिला। अब ऐसे में पूरा मामला ही उलझ कर रह गया है। और अब फिर से वनभूमि में अतिक्रमण कराने की तैयारी शुरू हो गई है।
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