रीवा। रीवा में सुअरों को मारने का अभियान शुरू हो गया है। मंगलवार को 12 संक्रमित सुअरों को मौत का इंजेक्शन दिया गया। इंजेक्शन देने के बाद मृत सुअरों का नगर निगम की टीम ने दफनाने का काम किया। अभियान का पहला दिन था। रफ्तारी धीमी थी। अब बुधवार से अभियान में गति आएगी।
ज्ञात हो कि रीवा के सुअर आफ्रीकन स्वाइन फीवर का शिकार हो गए हैं। उनकी जान जा रही है। इस बीमारी की दवा सिर्फ इनकी मौत ही है। संक्रमण को रोकने के लिए इन सुअरों को मारने का निर्णय लिया गया है। प्रशासन ने रीवा के चार वार्डों को रेड जोन में रखा है। क्षेत्र में एलर्ट घोषित कर दिया गया है। प्रभावित क्षेत्र के 1 किमी के दायरे में आने वाले सभी सुअरों को प्रशासन और पशु चिकित्सा विभाग ने मारने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत मंगलवार को शुरू कर दी गई है। वार्ड 15 रेड जोन है। इस क्षेत्र में पशु चिकित्सकों की टीम ने दोपहर 12 बजे से अभियान चलाया। करीब 12 सुअरों की मौत का इंजेक्शन दिया गया है। डॉक्टरों की टीम ने पहले सुअरों को नींद में सुलाया। इसके बाद मौत का इंजेक्शन दिया। दिन पहला था, इसलिए डोज समझने में टीम को वक्त लगा। बुधवार से इसमें तेजी लाई जाएगी। डॉक्टरों की टीम तैनात कर दी गई है।
ड्रग इंस्पेक्टर की अनुमति के बाद मिली दवा
सुअरों को मारने की दवा एक दिन बाद ही पशु चिकित्सकों के हाथ लगी। ड्रग इंस्पेक्टर से अनुमति के बाद मंगलवार को सुअरों केा मारने की प्रतिबधित दवा मिल पाई। दवा मिलने के बाद डॉक्टरों ने अभियान शुरू किया। अब जितनी भी दवा पशु स्वास्थ्य सेवाएं उपयोग करेगा। उसका हिसाब भी देखना पड़ेगा।
शाम 5 बजे तक चला अभियान
वार्ड 15 से अभियान की शुरुआत हुई। शाम पांच बजे तक सुअरों को इंजेक्शन दिया गया। पालकों केा पहले ही सुअरों को बाड़े में रखने के निर्देश दिए गए थे। टीम ने वार्ड पहुंच कर पहले सुअरों को बेहोश की। इसके बाद उन्हें मौत का इंजेक्शन दिया गया। कुल 12 सुअरों को मौत का इंजेक्शन लगाया गया। यह अभियान शाम 5 बजे तक चला।
सुअरों के परिवहन पर प्रतिबंध
अफ्रीकन स्वाइन फीवर बीमारी का प्रकोप रीवा नगर निगम क्षेत्र के कुछ भागों में हुआ है। इसके संक्रमण को रोकने के लिए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी मनोज पुष्प ने पूरे जिले में सूकरों के परिवहन पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह आदेश दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जारी किया गया है। जारी आदेश के अनुसार सूकरों के परिवहन के साथ-साथ सूकरों के मांस के क्रय-विक्रय एवं परिवहन को भी पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है। सभी सूकर पालकों को सूकरों की साफ-सफाई एवं उनके स्वास्थ्य का उचित ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं। इसका उल्लंघन करने पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की जाएगी।
रोकथाम के लिए पशु चिकित्सा दल तैनात
वार्ड क्रमांक 15 में सूकरों में अफ्रीकन स्वाइन फीवरकी पुष्टि हुई है। इसके रोकथाम तथा रोग का अन्य सूकरों में संक्रमण रोकने के लिए कलेक्टर मनोज पुष्प ने पशु चिकित्सा विभाग के दल तैनात किए हैं। इस दल में पशु चिकित्सक एवं सहयोगी कर्मचारी शामिल किए गए हैं। जारी आदेश के अनुसार संक्रमण से प्रभावित इन्फेक्टेड जोन में डॉ एसडी पाण्डेय, डॉ वाईपी सिंह, डॉ मनीष तिवारी तथा उनके सहयोगी को तैनात किया गया है। सर्विलांस जोन में पशु चिकित्सा विभाग के पशु चिकित्सक डॉ अरूणेन्द्र शुक्ला, डॉ पंकज सिंह, डॉ डीएस बघेल, डॉ अमित पटेल एवं उनके सहयोगी चिकित्सा कर्मी तैनात किए गए हैं। इस जोन में भी तैनात दल में वन, राजस्व तथा नगर निगम के कर्मचारी शामिल किए गए हैं। तैनात दल उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ राजेश मिश्रा के नियंत्रण में कार्य करेंगे एवं प्रतिवेदन कलेक्टर कार्यालय को प्रस्तुत करेंगे।
वर्सन…
वार्ड 15 में 12 सुअरों केा दवा दी गई। पहले दिन अभियान थोड़ी धीमी थी। बुधवार से तेजी लाई जाएगी।
डॉ राजेश मिश्रा
संयुक्त संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं रीवा
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