रीवा। नगर निगम अध्यक्ष के वाहनों पर सवाल उठे तो भाजपाईयों ने महापौर अजय मिश्रा बाबा के वाहन पर भी सवाल खड़ा कर दिया, हालांकि इसको लेकर अजय मिश्रा बाबा ने बड़ा बयान दिया है उनका कहना है कि यह फॉच्र्यूनर गाड़ी उनको उनके बड़े भाई कांग्रेस वरिष्ठ नेता राजेन्द्र शर्मा ने दी है, उन्होंने ऐसा कहने वाले माननीय कि महापौर में बड़ी कमाई है और बाबा ने फॉच्र्यूनर मात्र 15 दिन के भीतर ही ले ली को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि महापौर में कितनी कमाई है यह वह खुद जानते है क्योंकि 23 वर्ष तक उनका महापौर रहा है और रीवा की जमीनों को बेचने का काम भी बड़े ही सफाई से उन्होंने किया है, उनका कहना गलत नहीं है क्योंकि महापौर के पद का उपयोग करके ही तो उन्होंने रीवा को बेंचा है, उन्होंने कहा कि नगर निगम में हुए एक-एक नुकसान का बदला लिया जाएगा, क्योंकि कागज कभी मरता नहीं और 23 वर्षो का हिसाब उनके पास कागज में रखा हुआ है कि किसने कहा भ्रष्टाचार किया है सबकी वसूली एक-एक कर वह कराएंगे। बता दें कि महापौर अजय मिश्रा के इस बयान के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। आपको बता दें कि अजय मिश्रा बाबा के महापौर का चार माह का कार्यकाल आज पूरा हो गया, बता दें कि इस कार्यकाल में 32 करोड़ से अधिक की निविदा हुई है, जिसमें सभी जोन व हर वार्ड को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि एकल खिड़की से जनता को बड़ी राहत मिली है, संकल्प पत्र के अनुसार जल्द ही महापौर हेल्पलाइन शुरु की जा रही है, जिसमें जनता घर बैठे शिकायत कर सकेगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए टेंडर ओपन कर दिया गया है।
रीवा विधायक ने साधा मौन
बड़े हुए टैक्स को लेकर भाजपा संकल्प पत्र की बात कर रही है, महापौर अजय मिश्रा बाबा ने कहा कि जब यह टैक्स बढ़ाया गया तब नगर निगम में परिषद् का कार्यकाल खत्म था, प्रशासक को जिम्मेदारी व अधिकार था, उस समय रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला व सांसद जर्नादन मिश्रा की अनुशंसा पर टैक्स बढ़ाया गया लेकिन तब रीवा विधायक व सांसद ने इसको लेकर आपत्ति नहीं जताई और अब भाजपा विपक्ष में है तो वह जनता को गुमराह कर रही है लेकिन भाजपाईयों को यह नहीं पता कि गुमराह करने का परिणाम ही जनता ने कांग्रेस का महापौर चुनकर भाजपा को दिया है। उन्होंने कहा कि एमआईसी सदस्यों ने निगमायुक्त को टैक्स घटाने के लिए पत्र लिखा, जल्द ही इसे एमआईसी से स्वीकृति किया जाएगा।
सीवरेज कंपनी ने किया सत्यानाश
बता दें कि अजय मिश्रा बाबा ने कहा कि रीवा विधायक राजेन्द्र शुक्ला अब जिन सड़को के सुधार की बात करते हुए वार्डो में भ्रमण कर रहे हैं, वह सड़के बीते पांच साल से खराब हैं, जिसके सुधार के प्रयास नहीं किए गए, सीवरेज का काम कर रही केके स्पन कंपनी का उनके द्वारा विरोध किया गया और स्पष्ट किया गया कि यह डिफाल्टर कंपनी है काम नहीं कर पाएगी लेकिन इसको संरक्षण देकर रीवा की सड़को को बर्बाद किया गया। इतना ही नहीं टेंडर निरस्त होने तक वह लगे रहे कि इसका टेंडर निरस्त न हो लेकिन आयुक्त मृणाल मीना के प्रयासों से इस कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाया गया व ब्लैक लिस्टेड किया गया। कंपनी को संरक्षण देने वाले ही अब उसे बुरा बताकर सुधार की बात कर रहे है क्योंकि जानते हैं कि अब महापौर अजय मिश्रा बाबा द्वारा सड़के सुधारवाई जा रही हैं तो उसका श्रेय लेने पाला बदल बैठे, उन्होंने कहा कि 6 वर्ष से रीवा विधायक कहां थे जब जनता इन सड़को का नाम लेकर रो रही थी, अब वह सड़को पर उतर कर श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं।
व्यापारी को संकट में डाला
महापौर अजय मिश्रा बाबा ने कहा कि शहर के व्यापारी परेशान हैं, सरकार ने ऐसा नियम लागू कर दिया कि अपनी ही दुकान में विज्ञापन कर उन्हें कर नगर निगम को देना होगा, भाजपा व्यापारी भाईयों को गुमराह कर रही है कि कांग्रेस ने ऐसा किया लेकिन यह नियम वर्ष 2017 में लागू किए गए और न्यू मीडिया रूल 2017 आया जिसे रीवा नगर निगम में 1फरवरी 2020 से लागू कर दिया गया। उन्होंने कहा कि रीवा विधायक से पूछना चाहते है कि केन्द्र में भाजपा की सरकार है, राज्य में भाजपा, रीवा 8 विधानसभा सीटो व सांसद पर भाजपा है तो एक महापौर का चुनाव हार जाने के बाद इतनी बौखलाहट क्यों, उन्होंने कहा कि रीवा की जनता ने अपना सेवक चुना है जिससे उनको इसे स्वीकार करना चाहिए और विकास कार्यो में व्यवधान उत्पन्न नहीं करना चाहिए।
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यह है विकास कार्य…