रीवा। नगरीय निकाय चुनाव का इंतजार जोरो पर था अब जब चुनाव हो रहे हैं तो पार्टियो में बगावत शुरू हो गई है। महापौर प्रत्याशी अजय मिश्रा बाबा को टिकट मिलने से जहा कार्यकर्ताओं में खुशी थी और बढ़चढ़ कर समर्थन दिया गया वही कांग्रेस में पार्षद प्रत्याशियो को टिकट वितरण को लेके आक्रोश बढ़ता जा रहा है जिसे रोक पाने में कांग्रेस सफल नही हो पा रही है। हालांकि पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त कार्यकताओं को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। मीडिया सूत्रों की माने तो अब कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के जिला अध्यक्ष रफीक अंसारी ने इस्तीफा देकर खुद पार्टी छोड़ दी है। अल्पसंख्यक विभाग के जिला अध्यक्ष ने अपना इस्तीफा रीवा के चुनाव प्रभारी भानू प्रताप मिश्रा व शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष गुरमीत सिंह मंगू को सौंपा है। रफीक अंसारी ने इस्तीफा देने के बाद पार्टी पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होने कांग्रेस पार्टी को मुस्लिम समाज के लिये दीमक बताया और कहा कि कांग्रेस सिर्फ और सिर्फ मुस्लिमों के वोट बैंक का इस्तेमाल करती है लेकिन जरुरत पड़ने पर समाज पर होने वाले अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने में नाकाम रही है। पार्टी से इस्तीफा देने वाले रफीक अंसारी ने पार्षद पद के लिए किए गए टिकट के वितरण पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि रीवा में पार्षद पदो के लिये जो टिकट बांटा गया है उसमें बड़े नेताओं के निकटतम व उनके चेलों को टिकट दिया गया है। आरोप है कि रीवा प्रभारी भानू प्रताप शर्मा ने बिना चयन समिति की मीटिंग के ही मनमानी रुप से टिकट का वितरण किया है जबकि वह खुद चयन समिति के सदस्य थे। रफीक अंसारी का कहना है कि टिकट वितरण में की गई मनमानी के चलते पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष है ऐसे में बगावत होना तो वाजिब है और इसी से आहत होकर वह खुद पार्टी से इस्तीफा देने को मजबूर हो गए।
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