रीवा। सभी धर्मो में कुछ न कुछ ऐसा होता है जिसे भगवान का दर्जा दिया जाता है, चाहे व हिंदू धर्म हो या मुस्लिम, सिख हो ईसाई सभी में कुछ न कुछ ऐसी मान्यताएं होती है जिनको लोग दिल से मानते हैं। ऐसा ही एक मान्यता धर्मो में अंको की होती है। हिंदू के लिए जिस प्रकार से 1001 नंबर को लकी माना जाता है उसी प्रकार से मुस्लिम में 786 नंबर को लकी माना जाता है। यदि इन नंबरो का साथ मिल जाता है तो लोग खुद को लकी मानने लगते हैं। कहा जाता है कि इन अंको में इश्वर का बास होता है। नगर निगम के चुनाव में दो कांग्रेसी पार्षदों की जीत इन लकी नंबरो से हुई है। तो आइए हम आपको इसकी जानकारी देते है।
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सूफिया बेगम: 786 मत
बता दें कि वार्ड क्रमांक 34 से लगातार चुनाव लड़ी सूफिया बेगम को इस पंचवर्षीय चुनाव में 786 अंको से जीत मिली है, इस नंबर के मिलते ही मुस्लिम समुदाय में तरह-तरह की चर्चाएं होने लगी। बता दें कि सूफिया बेगम के पहले कार्यकाल के दौरान ही उनके पति अतीक अहमद राकी की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उन्होंंने परिवार के साथ-साथ जनता के लिए समर्पित रही और जनता ने उन्हें दोबारा मौका दिया है। उन्होंने भाजपा के प्रत्यासी को हराकर फिर पार्षद बनी हैं। कहा जा रहा हैकि अल्लाह ने उनको जीत दिलाई जिसका प्रमाण यह 786 नंबर है।
गंगा प्रसाद यादव: 1001 वोट
बता दें कि इसी प्रकार कांग्रेस के पार्षद गंगा प्रसाद यादव को भी 1001 वोट मिले हैं, हिंदू धर्म में लकी माने जाने वाले इस नंबर के जीत के बाद लोगो का कहना है कि यदुवंशी गंगा प्रसाद पर भगवान कृष्ण की मेहरबानी हुई है और उन्हें दोबारा इस वार्ड से जीत मिली है। बता दें कि यह दोनो पार्षदों को ही कांग्रेस का लकी पार्षद कहा जा रहा है, इसको लेकर पूरे शहर में चर्चा हो रही है।
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