कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ अशोक पटेल की पत्नी ने शुक्रवार को ही नामांकन दाखिल किया।
रीवा। खींचतान के बाद शुक्रवार को कांगे्रस पाटी द्वारा वार्ड पार्षदी के लिए प्रत्यासियों की घोषणा कर दी है। बीते कई दिनों से घोषणा को लेकर आपसी खींचतान मची हुई थी और अंत में इसका बड़ा उदाहरण टिकट वितरण को देखकर सामने आ गया। ऐसा कहना इसलिए गलत नहीं होगा क्योंकि कांग्रेस प्रत्यासियों में पिछले पंच वर्षीय जीते हुए उम्मीदवारों को दरकिनार किया गया है, इसकी एक मात्र वजह गुटबाजी है। चटुकारिता करने वालो व कुछ चुनिंदा नेताओं के शरणागत रहने वालो को उनका पक्ष न मजबूत होते हुए भी आगे कर दिया गया ऐसी चर्चाएं जोरो पर हैं। कहा जा रहा है कि टिकट वितरण में कांग्रेस प्रत्यासियों की समीक्षा की जगह सिर्फ मनमानी की गई है, हालांकि जिन मजबूत कार्यकर्ताओं को टिकट नहीं मिली है वह निर्दलीय चुनाव लडऩे व जीतने का दावा कर रहे हैं। यदि वह चुनाव जीतकर आते हैं तो कांग्रेस को बड़ा झटका लगेगा। टिकट वितरण में वार्ड क्रमांक 15 से पार्षद रहे अशोक पटेल को ही दरकिनार किया गया, उन्होंने महिला सीट होने से अपने पत्नी के लिए टिकट की मांग की थी लेकिन कांग्रेस पार्टी ने नहीं दी, जबकि अशोक पटेल ने कांग्रेस के मुद्दे को उठाया और गलत के खिलाफ आवाज बुलंद की, अशोक पटेल कांग्रेस के जाने-माने नेता में से एक हैं, उनको टिकट न मिलने से उनके समर्थकों में भारी नाराजगी है, चर्चाओं में कहा जा रहा है कि जो खुद पार्षदी का चुनाव नहीं जीत सकते हैं उनके हाथ में टिकट वितरण की जिम्मेदारी दे दी गई, ऐेसे में वह कैसे समीक्षा कर सकते हैं कि वार्ड में कौन चुनाव जीतेगा या कौन नहीं? कार्यकर्ताओं का कहना है कि कांग्रेस पार्टी के लिए अशोक पटेल ने तब आवाज बुलंद की है और भाजपा के काले कारनामों को उजागर किया है, जब यही वरिष्ठ नेता दुम दबाकर बैठे रहते थे और इनके मुह से किसी भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई आवाज नहीं निकलती थी और न ही वह किसी भी जनता के मुद्दे पर आगे आए, चर्चा है कि कार्यकर्ता एक साथ सैकड़ो की संख्या में कांग्रेस पार्टी से स्तीफा देने की योजना बना रहे हैं, कांग्रेस में मनमानी टिकट वितरण किया गया हैं। कहा जा रहा है कि अशोक पटेल के पत्नी के टिकट नहीं दिए जाने से कार्रूकर्ताओं में आक्रोश है, चर्चा है कि इसी प्रकार अन्य कुछ वार्डो में भी मनमानी की गई है, मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर मनमानी टिकट अपने चहेतो को दे दी गई जो पार्टी की नही कुछ चुनिंदा नेताओं की जय बुलाते हैं। बता दें कि कांग्रेस के जिला शहर अध्यक्ष गुरमीत सिंह मंगू ने पार्षद प्रत्यासियों की लिस्ट जारी की है, इसमें कुछ पूर्व पार्षदों, कुछ पूर्व पार्षदों के परिजनो सहित कुछ नए चेहरो को मौका दिया गया है।
इसलिए बताया जा रहा दावा मजबूत
कांग्रेसियों का कहना है कि अशोक पटेल का कांग्रेस पार्टी से वार्ड क्रमांक 15 से टिकट मांगने का दावा इसलिए मजबूत था क्योंकि अशोक पटेल ने कांग्रेस पार्षद मनोनीत होने के बाद बीते पांच वर्षो में करोड़ो के निर्माण कार्य वार्ड में कराए व जनता को राहत मिली, जलभराव की समस्या, आरसीसी सड़के सहित पीएम आवास योजना के तहत निर्माण सहित अन्य के लिए लड़ाई लड़ी व जनता को लाभ दिलाया। भाजपा के शासन काल में कई मामलो पर भ्रष्टाचार का आरोप लगातार खुलकर आगे आए। पिछले वर्ष पार्षद रहे इसलिए भी उनका दावा मजबूत टिकट के लिए रहा। वार्ड में एक साफ छवि, जनता के बीच सक्रिय रहना, छोटे-छोटे मामलो में जनता की मदद के लिए आगे आना और उनकी समस्याओं का निराकरण करना उनकी एक अलग छवि वार्ड में बनाती है, ऐसे में एक सक्रिय कार्यकर्ता व जीते हुए प्रत्यासी की टिकट काटने की बात को लेकर कांग्रेसियों में ही भारी आक्रोश है।
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