ग्वालियर। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कांग्रेस नेता फूलसिंह बरैया की डॉक्टर बेटी की शादी का कार्ड खूब वायरल हो रहा है, क्योंकि कार्ड पर दूल्हा-दुल्हन के नाम के बाद लिखा है भारत का संविधान बचाना है। लोकतंत्र बचाना है। इतना ही नहीं आगे लिखा है भारत के 140 करोड़ नागरिकों का हक, अधिकार बचाना है, तभी भारत देश बचेगा। सोशल मीडिया पर इस अनोखे शादी के कार्ड पर खूब चर्चा हो रही है। बारातियों को मिलनी के रूप में एक-एक संविधान की कॉपी भेंट दी जाएगी। शादी 11 अप्रैल (सोमवार) को सनसिटी के पास राजबाग गार्डन से होने जा रही है। चर्चा ऐसी भी है कि शादी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ भी शामिल हो रहे हैं। ग्वालियर-चंबल अंचल में एक दलितों के नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले पूर्व विधायक फूलसिंह बरैया अभी कांग्रेस नेता हैं। वह लगातार संविधान को बचाने की लड़ाई लड़ते रहे हैं। 11 अप्रैल को उनकी डॉक्टर बेटी नेहा की शादी डॉक्टर दिनेश से होने जा रही है। शादी के कार्ड में फूलसिंह बरैया ने संविधान बचाने का संदेश लिखवाकर उसे अनोखा बना दिया। जहां-जहां यह शादी का कार्ड पहुंच रहा है बस उसी की चर्चा हो रही है। शादी के कार्ड पर कई ऐसे संदेश लिखे हुए हैं जो उसे खुद चर्चा में बनाए हुए हैं। जब कांग्रेस नेता फूलसिंह बरैया से पूछा गया कि उनका इस तरह कार्ड पर संविधान बचाने का संदेश लिखाने का क्या उद्देश्य है तो उनका कहना था कि संविधान को बचाना बेहद जरुरी है। संविधान नहीं बचाएंगे तो देश खतरे में पड़ जाएगा। शादी के कार्ड पर स्लोगन लिखा है कि “भारत का संविधान बचाना है, भारत का लोकतंत्र बचाना है, भारत के सभी 140 करोड़ नागरिकों का हक, अधिकार बचाना है, तभी भारत देश बचेगा।’इसके नीचे लिखा है निवेदक फूल सिंह बरैया। साथ ही लिखा है कोरोना गाइडलाइन का पालन करें। फूलसिंह बरैया की बेटी की शादी में सबसे नीचे लिखा एक नोट भी चर्चा में हैं। यहां लिखा है कि आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप किसी भी प्रकार की गिफ्ट (भेंट) अपने साथ न लावें। वो स्वीकार नहीं की जाएगी। इसके पीछे फूलसिंह बरैया का तर्क है कि उपहार प्रथा को समाप्त करना है। फूलसिंह बरैया ने बताया कि हर बाराती को एक-एक संविधान की कॉपी (किताब) दी जाएगी, जिससे उनको संविधान को बचाने के लिए प्रेरित किया जा सके। संविधान की 400 कॉपी छपवा ली गई हैं। साथ ही बेटी की शादी 11 अप्रैल को महात्मा ज्योतिवा फुले जयंती के शुभ अवसर पर रखी गई है।