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रीवा। मतदान दल को मेडिकल किट देने पर सिरमौर एसडीएम को इतना गुस्सा आया कि उन्होंने ब्लॉक मेडिकल आफीसर सिविल अस्पताल सिरमौर को गालियां से डाली। उनकी गंदी गालियां तो बीएमओ ने सुन ली लेकिन इसकी शिकायत जिला निर्वाचन अधिकारी से कर दी। जिसके बाद अब सिरमौर एसडीएम की मुसीबतें बढ़ गई है। वही दूसरी ओर मेडिकल ऑफिसर के साथ हुए गाली गलौच को लेके स्वास्थ्य कर्मियों में भी आक्रोश है और वह हड़ताल की चेतावनी दे रहे हैं। माना जा रहा है कि एसडीएम पर बड़ी कार्यवाही हो सकती है। एसडीएम पर चुनाव कार्य मे बाधा डालने का आरोप है।
क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक दी गई शिकायत में बीएमओ सिरमौर ने जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर को बताया है कि 8 जुलाई को निर्वाचन है जिसको लेके 7 जुलाई को मेडिकल किट का वितरण किया जाना है। लेकिन एसडीएम सिरमौर नीलमणि अग्निहोत्री ने मना कर दिया। बीएमओ ने बताया कि 6 जुलाई को एसडीएम सिरमौर को फोन पर सम्पर्क करने का प्रयाश किया गया लेकिन नही हुआ। जिसके बाद 7 जुलाई को दो फार्मासिस्ट के साथ मेडिकल किट सिरमौर उत्कृष्ट स्कूल भेज दिया गया जहां एसडीएम ने गाड़ी को बाहर रोक दिया और अभद्र गालियां देने लगे और अंदर न जाने की बात कही। किसी तरह वाहन अंदर गया जिसके बाद मेरे द्वारा फोन पर एसडीएम नीलमणि अग्निहोत्री से दूरभाष पर बात की तो उन्होंने मुझे गंदी गालियां दी व एफआईआर कराने की बात कही। जिसके बाद बीएमओ खुद गया तो नीलमणि अग्निहोत्री ने मुझे अभद्र गालियां दी और धमकाया भी की जो करना है मेरा कर ले तू कुछ नही कर सकता। जिसके बाद मेरे द्वारा कलेक्टर रीवा व सीएमएचओ को सूचना दी गई। बीएमओ ने मांग की है कि एसडीएम नीलमणि अग्निहोत्री ने निर्वाचन जैसे महत्वपूर्ण कार्य शासकीय कार्य मे बाधा डालते हुए मेरे साथ अभद्रता कड़ते हुए गाली-गलौच की है। उनके खिलाफ अनुशास्त्मक कार्यवाही की जाए।
पहले भी रहे विवादित!
बता दें कि एसडीएम नीलमणि अग्निहोत्री के विवादों में होने के बाद तरह तरह की चार्चये शुरू हो गई हैं। चर्चाओ के अनुसार पूर्व में भी एसडीएम ने पहले रीवा में पदस्थ रहते हुए एक सरकारी कर्मचारी को चुनाव के दौरान ही बेवजह मामले में फंसा दिया था जिसकी जांच अब भी जारी है। वही चर्चाओ में कहा जा रहा है कि बसामन मामा गौशाला के प्रभारी की जिम्मेदारी भी इनके पास है और वहां की व्यावथाओ को लेके जो भी सवाल उठाता है। कार्यवाही नही की जाती।बीच मे गौशाला में जाने वालों के साथ हुई मारपीट के मामलों में भी एसडीएम की मनमानी की चर्चा जोरों पर थी। हालांकि चर्चा में कहा यह भी जा रहा है कि एसडीएम ने बीएमओ को दी गई धमकी में जो कहा है कि जो उखाड़ना है उखाड़ लो तुम मेरा कुछ नही कर सकते वह इसलिए भी गलत नही है क्योंकि कई मनमानियों के आरोप के बाद भी एसडीएम पर कोई कार्यवाही नही होती है। शायद यही वजह है कि अब एसडीएम खुले आम शासकीय कर्मचारियो को ही गाली देने लगे हैं। सवाल खड़ा किया जा रहा कि जब वह शासकीय कर्मचारियो को गालियां दे रहे हैं तो आमजन के साथ कैसा व्यवहार करते होंगे यह अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि मामले की जांच के बाद ही हकीकत सामने आएगी की कौन-किस पर गलत आरोप लगा रहा है। फिलहाल जहा एसडीएम के खिलाफ शिकायत हुई है और गाली-गलौच के आरोप, वही दूसरी ओर एसडीएम ने बीएमओ को नोटिस जारी किया है। जिसमे बीएमओ पर लापरवाही के आरोप हैं।
कंल से होगी हड़ताल
एसडीएम ने बीएमओ को दिया सौकाज