रीवा। ग्वालियर के बाद गुरुवार को एनएसयूआई ने अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय का घेराव किया। कई घंटे तक चले इस प्रदर्शन में जमकर आक्रोश एनएसयूआई ने व्यक्त किया। घंटो नारेबाजी की गई व एपीएसयू के गेट पर शिक्षा मंत्री मोहन यादव का पुतला भी दहन किया गया। पुलिस भी आक्रोशित एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को संभालने तैनात रही। बता देंकि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एनएसयूआई के पदाधिकारी छात्रों ने विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करते हुए शिक्षा मंत्री का पुतला दहन कर कर मध्य प्रदेश राज्यपाल के नाम ज्ञापन पत्र विश्वविद्यालय रजिस्ट्रार को सौंपा। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के पूर्व जिला अध्यक्ष युवा कांग्रेस के जिला उपाध्यक्ष अनूप सिंह चंदेल ने कहा कि रीवा जिले में लगातार कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ रहा है, संगठन द्वारा लगातार यह मांग की जा रही है कि छात्रों की परीक्षाएं ओपन बुक या ऑनलाइन से कराई जाएं, लेकिन शासन-प्रशासन छात्रों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है विगत दिनों रीवा विश्वविद्यालय के कुलपति एवं ठाकुर रणमत सिंह महाविद्यालय रीवा के प्रोफेसर कोरोना वायरस के चपेट मे आ चुके हैं जिसकी वजह से छात्र-छात्राओं मे डर का माहौल उत्पन्न हो गया है वहीं छात्र-छात्राओं के परिवाजन भी काफी चिन्तित है। जब महाविद्यालय के कुलपति व प्रोफेसर कोरोना वायरस से सुरक्षित नही है तो सैकड़ो की तादात में बैठने वाले छात्र-छात्रायें कैसे सुरक्षित रहे सकते हैं। यदि महाविद्यालय की परिक्षायें पूर्व की भांति ली जाती है तो छात्र-छात्राओं की कोरोना वायरस के बीमारी में संलिप्त होने की पूर्ण सम्भावना है। ऐसे स्थिति में अगर सभी महाविद्यालयों की आगामी दिनों मे शुरू होने वाली परीक्षायें पूर्व की भांति कराई जाती है तो छात्र-छात्राओं का जीवन खतरे में आयेगा और उनका भरा पूरा परिवार दहस-नहस हो जायेगा। उक्त परिस्थितियों को देखते हुये सभी परीक्षायें ऑन लाइन अथवा ओपन बुक के माध्यम से कराया जाना उचित व आवश्यक है।
एनएसयूआई के पदाधिकारी व छात्रों ने महामहिम राज्यपाल महोदय से आग्रह किया है कि बढ़ते हुये कोरोना प्रकोप को देखते हुए आगामी तिथि मे होने वाली सभी महाविद्यालय की परीक्षायें ऑन लाइन अथवा ओपन बुक के माध्यम से कराया जाय। आंदोलन में मुख्य रूप से चौतन्य मिश्रा, अभिषेक तिवारी अभि, शुभम सिंह चन्देल, अरशद खान, योगिता सिंह परिहार, नेहा सिंह चन्देल, रवि सुमित सिंह, आदर्श तिवारी, नीरज यादव, अंकित अग्रवाल, विपिन मिश्रा, पंकज उपाध्याय, मानवेन्द्र सिंह, आशिद खान, मृगेंद सिंह, रोहित यादव, शिवम मिश्रा, अखंड मिश्र, सर्वेश् मिश्रा, अभिषेक सिंह सीजू, शुभम तिवारी, धीरज द्विवेदी, सत्यम मिश्रा शिवम मिश्रा प्रतीक द्विवेदी अनुराग सिंह विपिन आदिवासी जयप्रकाश कुशवाहा शशिमॉल तिवारी तुषार तिवारी अंकित पाठक दीपक त्रिपाठी नीतीश यादव सागर शर्मा आकाश अग्निहोत्री अमन कुशवाहा अश्वनी सोदिया पियूष विश्वकर्मा आदि लोग मौजूद रहें।
बता दे कि वहीं एनएसयूआई द्वारा लगातार किए जा रहे प्रदर्शन के अलग मतलब भी निकाले जा रहे हैं, कहा जा रहा है कि छात्रों के हित के लिए कोरोना की बात कर परीक्षा स्थगित कराने पहुंचने वाले एनएसयूआई कार्यकर्ता जब इन्हीं छात्रों की भीड़ जमा कर बिना शोसल डिस्टेसिंग व मास्क के उपयोग के प्रदर्शन कर रहे है तो कोरोना का भय नहीं है और परीक्षाओं में शोसल डिस्टेसिंग के साथ आयोजन होना है तो भय बताया जा रहा है। हालांकि एनएसयूआई के खिलाफ चल रही इन चर्चाओं में कही न कहीं दम है क्योंकि बिना मास्क व शोसल डिस्टेसिंग के ही एपीएसयू गेट पर छात्रों की भीड़ जमा रही और वह नारेबाजी करते रहे। वहीं कहा यह भी जा रहा है कि जब एनएसयूआई कार्यकर्ता छात्रों के लिए विवि व कालेजो में आने-जाने पर खतरा बता रहे है तो वह खुद भीड़ जमा कर छात्रों को ऐसे जगहों पर क्यो लेकर जा रहे हैं। परीक्षाओं का आयोजन न होना छात्र हित में नहीं माना जा रहा है, लोगो का कहना है कि इससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है। कोरोना के चलते परीक्षाओं को स्थगित किया जाना चाहिए लेकिन सुरक्षा के साथ इनका आयोजन किया भी जा सकता है व बाद में भी परीक्षाओं का आयोजन किया जा सकता है। हैरानी इस बात की है जिला व पुलिस प्रशासन भी इस प्रकार के प्रदर्शनों पर रोक नहीं लगा पा रहा है।
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