रीवा। वन विभाग वनकर्मियों को कुर्सी का झुनझुना पकड़ाने की तैयारी में है। बिना प्रमोशन के खाली पदों को भरने का खाका तैयार कर लिया है। वरिष्ठ पदों पर योग्य और वरीयता रखने वाले वनकर्मियों को कार्यवाहक बनाकर बैठाया जाएगा। इन्हें वर्दी तो मिलेगी लेकिन भत्ते और वेतन बढ़े हुए नहीं मिलेगी। कुर्सी पर बैठाकर सरकार काम दोहरा कराएगी लेकिन देगी कुछ नहीं। पुराने वेतन पर ही वरिष्ठता का झुनझुना लेकर काम करना होगा। जिलों से एपीसीसीएफ ने राय मांगी है, यदि विरोध नहीं हुआ तो अमल तय है।
ज्ञात हो कि मप्र में प्रमोशन पर लंबे समय से रोक लगी हुई है। इसके कारण सभी विभागों में प्रमोशन वाले पद खाली पड़े हैं। यही हाल वन विभाग में भी है। बड़ी संख्या में वनपाल, उप वनक्षेत्रपाल, वनक्षेत्रपाल के पद खाली है। इन पदों को अब वन विभाग भरने की तैयारी कर रहा है। वर्तमान में विभाग अंतर्गत क्षेत्रीय वन मंडल के अलावा वन्यप्राणी, वन विद्यालय, उत्पादन, सामाजिक वानिकी एवं आयोजना आदि इकाइयों में वनक्षेत्रपाल, उप वनक्षेत्रपाल एवं वनपाल के बड़ी संख्या में पद रिक्त है। इन सभी पदों पर कार्यवाहक प्रभारी बैठाया जाएगा। उच्च रिक्त पदों पर वरिष्ठता के आधार पर वनकर्मियों को प्रभारी नियुक्त किया जाएगा। इसके लिए मापदंड तय किए गए हैं। इसे लागू करने से पहले जिलों से राय मांगी गई है।
जिले में रिक्त पद नहीं रहा तो कहीं और देंगे
वन क्षेत्रपाल एवं उपवनक्षेत्रपाल का पद राज्य स्तरीय होने से कार्यवाहक प्रभार के लिए वर्तमान वनमंडल, इकाई अंतर्गत रिक्त पद उपलब्ध न होने पर अन्य जिले वनमंडल, इकाइयों में रिक्त पद का प्रभार दिया जाएगा। वनपाल का पद जिला स्तरीय होने से वनरक्षकों को कार्यवाहक प्रभार जिले के अंतर्गत ही किसी भी इकाई में दिया जाएगा। कार्यवाहक प्रभार लेने वाले वनकर्मियों का वेतन पदस्थ वनमंडल, इकाई में स्वीकृत रिक्त पद के विरुद्ध आहरण किया जाएगा।
वर्दी पहन सकेंगे लेकिन वेतन
कार्यवाहक प्रभार लेने की अवधि में उच्च कार्यवाहक पद की वर्दीधारणकर सकेंगे लेकिन उन्हें इसके लिए अतिरिक्त गणवेश अनुदान भत्ता इत्यादि की पात्रता नहीं होगी। कार्यवाहक प्रभार में उच्च पद पर कार्य करने वाले वनकर्मी वहीं अन्य सभी भत्ते प्राप्त करने के पात्र होंगे, जिसे यह कार्यवाहक प्रभार प्राप्त करने से ठीक पूर्व प्राप्त कर रहे थे। किसी अन्य अतिरिक्त या उच्च वेतन या वेतनमान , वेतनवृद्धि या भत्ते की पात्रता नहीं होगी। दोहरा कार्य भत्ता की पात्रता नहीं होगी।
प्रमोशन में नहीं मिलेगा इसका लाभ
कार्यवाहक प्रभार में उच्च पद पर कार्य करने वाले अधिकारी, कर्मचारियों को दंड देने या उसके विरुद्ध विभागीय जांच कार्यवाही संस्थित करने एवं उनके वार्षिक कार्य के मूल्यांकन की प्रक्रिया धारित उच्चतर कार्यवाहक प्रभार के अनुरूप होगी। कार्यवाहक प्रभार लेने वाले किसी भी कर्मचारी को भविष्य में पदोन्नति के विचारण में कार्यवाहक पद की वरीयता का कोई अधिकार नहीं होगा। न्यूनतम 2 वर्ष तक कार्यवाहक प्रभार वाले पदस्थ स्थान पर कार्यरत रहना अनिवार्य होगा। शिकायती जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर हटाया जा सकेगा।
स्वलिखित घोषण पत्र भी देना होगा
कार्यवाहक वनपाल को परिक्षेत्र सहायक और बीट का प्रभार देने पर उन्हें प्रभार लेना अनिवार्य होगा। कार्यवाहक के तौर पर उच्च पद का प्रभार प्राप्त करने वाले कर्मचारी इस आशय का स्वलिखित घोषणा पत्र प्रस्तुत करेंगे कि उनके विरुद्ध किसी भी प्रकार का आपराधिक प्रकरण एवं अन्य कोई प्रकरण किसी भी न्यायालय में विचाराधीन नहीं है।