रीवा। वन्यजीवों के संरक्षण को सामाजिक सरोकार से जोडऩे सरकार ने अंगीकरण योजना चलाई है। इसमें व्हाइट टाइगर सफारी में वन्यजीवों को लोग गोद ले सकते हैं। वन विभाग की इस पहल में लोगों ने दिचलस्पी नहीं दिखाई है। यही कारण है कि अब तक एक भी वन्यजीव को पालनहार नहीं मिला है, जो इन्हें दो वक्त का खाना खिला सके। हालांकि इस अंगीकरण योजना में पूरे एक साल में सात लोगों ने वन्यजीवों को अपने खास दिन में भोजन दिया है। इनमें लोगों की टाइगर पहली पंसद है। लोगों ने जन्मदिन जैसे खास दिनों में इन वन्यजीवों को चुना है। बता दें कि वन्यजीवों के अंगीकरण योजना में वन विभाग ने उन लोगों को मौका दिया था, जो वन्यजीवों को पालने का शौक रखते हैं। इसके लिए अंगीकरण योजना बनाई गई है। इसमें टाइगर सफारी के किसी भी वन्यजीव को गोद लिया जा सकता है, जिसमें उस वन्यजीव के खाने पर आने वाला खर्च उठाना है। इसमें उस वन्यजीव के खर्च को लेक र गोद लेने वाले व्यक्ति का नाम भी व्हाइट टाइगर प्रबंधन को देना था। बावजूद इसके जनप्रतिनिधि, नेता सहित समाज के लोग इन वन्यजीवीं का पालनहार नहीं बने।
पालनहार को यह मिलती है सुविधा : व्हाइट टाइगर सफारी में अंगीक रण योजना में वन्यजीवों गोद लेने पर आने वाले खर्च में दस फीसदी तक टोकन टिकट पालनहार को नि:शुल्क देने का प्रावधान है। वह इस राशि को अपनी स्वेच्छा के अनुसार किसी भी व्यक्ति व अन्य को दे सकता है। व्हाइट टाइगर सफारी में वह कभी भी गोद लेने के लिए अपने वन्यजीव को देख सकता है।
सात पालनहारों में रीवा का एक भी नहीं- व्हाइट टाइगर सफारी के अब तक सात पालनहारों में रीवा व सतना जिले से एक भी व्यक्ति आगे नहीं आया है। पालनहारों में अशोक खुन्तलाल इंदौर, निर्मला सिन्हा हुगली पश्चिम बंगाल, अभिषेक शाह बधवार सीधी, अभिषेक मौर्या कटनी, सत्या प्रकाश और तेजस दुआ गोरखपुर निवासी शामिल हंै।
इतना निर्धारित है डाइट के लिए (राशि रुपये में)
वन्यजीव एक साल एक महीना एक दिन
टाइगर व शेर 411000 35000 1151
तेंदुआ 165000 13000 501
भालू 110000 9100 301
गौर सिकरा 300000 25000 1001
ग्रप बी
हिरण, सांभर 90000 7100 251
नीलगाय
बारासिंघा
वन्यजीवों के अंगीकरण योजना में अभी तक सात लोगों ने जानवरों को विशेष दिनों में भोजन कराया है। वन्यजीवों के संरक्षण के लिए लोगों को आगे आना चाहिए ।
संजय रायखेड़े, संचालक व्हाइट टाइगर सफारी