गुरु होंगे अस्त:लगेगा वैवाहिक कार्यक्रमों पर विराम
ज्योतिर्विद राजेश साहनी ने बताया कि देव गुरु बृहस्पति 24 फरवरी को कुंभ राशि में अस्त होने जा रहे हैं। चूंकि बृहस्पति ग्रह को संपन्नता, विवाह, वैभव, विवेक, धार्मिक कार्य आदि का कारक माना जाता है, इसलिए इनका अस्त होना शुभ नहीं होता। गुरु ग्रह जब अस्त होते हैं, तब शुभ-मांगलिक कार्यों को करने की भी मनाही होती है। इस दौरान शादी, मुंडन, नामकरण व गृहप्रवेश जैसे संस्कार नहीं किये जाते।
बृहस्पति ग्रह 24 फरवरी 2022 को सुबह 8 बजकर 50 मिनट पर कुंभ राशि में अस्त हो जाएंगे और 26 मार्च 2022 को शाम 6 बजकर 36 मिनट पर उदित होंगे। गुरु के अस्त होने के कारण धार्मिक और मांगलिक कार्य करना इस दौरान वर्जित हो जाएंगे।
गुरु के अस्त होने का सबसे प्रतिकूल प्रभाव कर्क, धनु और मीन राशियों पर पड़ सकता है, इसलिए इन राशियों के लोगों को गुरु अस्त के दौरान गुरु ग्रह से संबंधित उपाय करने चाहिए। गुरु का अस्त होना यूं तो वैदिक ज्योतिष में शुभ नहीं माना जाता, लेकिन गुरु के कुंभ राशि में अस्त होने के कारण कुछ राशियों को इस दौरान सुखद फल भी प्राप्त हो सकते हैं। गुरु अस्त के दौरान गुरु की शत्रु राशियों वृषभ, तुला के साथ ही बुध ग्रह के स्वामित्व वाली मिथुन और कन्या राशि के जातकों को भी सुखद फल प्राप्त हो सकते हैं।
अब शुभ मुहूर्तों पर लगेगा विराम
ज्योतिर्विद राजेश शाहनी ने बताया कि फाल्गुन कृष्ण अष्टमी तिथि दिन गुरुवार 24 फरवरी 2022 से चैत्र शुक्ल पक्ष त्रयोदशी गुरुवार तारीख 14 अप्रैल 2022 तक गुरु अस्त, होलाष्टक तथा मीन नामक खरमास के चलते समस्त शुभ कार्य प्रभावित होंगे तथा उन पर विराम लग जाएगा। इस अवधि में समस्त प्रकार के वैवाहिक मुहूर्त, गृह प्रवेश मुहूर्त, उपनयन संस्कार, नूतन कार्यों का प्रारंभ इत्यादि शुभ मुहूर्त का अभाव रहने वाला है।
देव गुरु बृहस्पति के अस्त होने को तारा डूबना कहते हैं जोकि 26 मार्च तक इसी अवस्था में रहेंगे। इसी बीच में होलाष्टक लग जाएंगे तथा उसके पश्चात सूर्य का मीन राशि में प्रवेश होगा जिस कारण मीन नामक खरमास प्रारंभ हो जाएगा। अभी फिलहाल 22 फरवरी तक विवाह के शुभ मुहूर्त हैं, लेकिन इसके पश्चात समस्त प्रकार के शुभ मुहूर्त पर विराम लगेगा और 15 अप्रैल के पश्चात पुनः वैवाहिक कार्यक्रम प्रारंभ हो सकेंगे। होली से 8 दिन पूर्व लगने वाले होलाष्टक के साथ-सथ 14 मार्च से खरमास प्रारंभ हो जाएगा। यद्यपि 26 मार्च को गुरु उदित हो जाएंगे लेकिन आगामी 14 अप्रैल तक मीन नामक खरमास होने के कारण समस्त प्रकार के शुभ मुहूर्त फिलहाल बाधित होंगे। 15 अप्रैल से शुभ मुहूर्तो का खाता खुलेगा, जो 8 जुलाई तक रहेगा। इसी तारतम्य में वैवाहिक कार्यक्रम भी अब 22 फरवरी के पश्चात सीधे 15 अप्रैल से प्रारंभ होंगे।उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में मई तथा जून माह में भरपूर वैवाहिक मुहूर्त बन रहे हैं।
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