रीवा। पुलिस के बाद अब वन अमला भी हाईटेक होने वाला है। आसमान से जंगल की निगरानी की जाएगी। जल्द ही रीवा वन मंडल के अमले को ड्रोन मिलने वाला है। भोपाल स्तर से खरीदी शुरू हो गई है। बजट भी स्वीकृत हो गया है। रीवा संभाग के तीन जिलों के वन मंडल को ड्रोन देने की तैयारी है। ड्रोन मिलने के बाद जंगल की निगरानी और आसान हो जाएगी। ज्ञात हो कि सरकार अब सीसीटीवी की जगह ड्रोन पर ज्यादा जोर दे रही है। रीवा की पुलिस पहले ही हाईटेक हो चुकी है। ड्रोन मिल चुका है। अब इसी तर्ज पर वन अमले को भी तैयार किया जा रहा है। रीवा वन मंडल सहित मप्र के 15 जिलों को पहले चरण में ड्रोन देने की योजना है। इसके लिए प्रति वन मंडल बजट भी स्वीकृत कर दिया गया है। हालांकि पहले स्वीकृति राशि अधिक थी, बाद में इसे कम कर दिया गया है। हालांकि ड्रोन की खरीदी भोपाल स्तर से की जाएगी। भोपाल से खरीदी के बाद जिलों को सौंप दिया जाएगा। इसे चलाने की कर्मचारियों को ट्रेनिंग भी दी जाएगी। यदि यह प्रयोग सफल रहा तो ड्रोन की संख्या भी बढ़ाई जाएगी।
वनजीवों की गणना और रेस्क्यू में भी मदद मिलेगी
अभी तक वनजीवों की गणना के लिए पूरे वन अमले को पद चिन्ह सहित अन्य चीजों को जंगल में उतर कर तलाशना पड़ता है। गिद्धों की गणना में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। मांशाहारी जीवो का पता लगाने में भी वन अमले को मशक्कत करनी पड़ती है लेकिन ड्रोन राहत देगा। ड्रोन की मदद से हर काम आसान होगा। रेस्क्यू के दौरान भी ड्रोन से वन्यजीवों को आसानी से ट्रेस किया जा सकेगा।
2 लाख रुपए प्रति वनमंडल मिला
ड्रोन खरीदने के लिए भोपाल से पहले 4 लाख 15 हजार रुपए प्रति वन मंडल की स्वीकृति प्रदान की गई थी। बाद में इसमें संसोधन कर दिया गया है। अब प्रति वन मंडल 2 लाख रुपए दिया जा रहा है। इसी राशि से ड्रोन की खरीदी की जा रही है।
संभाग के तीन जिलों को मिलेगा ड्रोन
मप्र के करीब 15 जिलों को हाईटेक करने की तैयारी है। इसमें रीवा संभाग के तीन जिले शामिल हैं। रीवा के अलावा सतना और सिंगरौली को भी ड्रोन से लेस किया जाएगा। ड्रोन मिलने के बाद जंगल की निगरानी इसी से की जाएगी। ड्रोन मिलने के बाद वन अमले को 3 किमी के क्षेत्र की निगरानी आसमान से संभव हो पाएगी।
वन अपराध पर लगेगा लगाम
अभी वन विभाग के पास मैदानी अमला है। जंगल के अंदर तक अमले को निगरानी में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पहाड़ी क्षेत्रो में भी आने जाने में दिक्कतें होती है। ऐसे में ड्रोन की मदद से वन क्षेत्र में एक ही जगह से लंबी दूरी तक वन अपराध पर नजर रखी जा सकेगी। वन माफिया और शिकारियों पर ड्रोन की मदद से कंट्रोल किया जा सकेगा।