रीवा। कलेक्टर और एसपी गुरुवार को अचानक संजय गांधी अस्पताल के निरीक्षण में पहुंच गए। कैदियों के बन रहे वार्ड का अवलोकन किया। साथ ही हेल्प डेस्क, पर्ची काउंटर सहित अन्य सुविधाओं का भी निरीक्षण किया। अस्पताल प्रबंधन को दिशा निर्देश दिए।
लंबे समय बाद गुरुवार की शाम को अस्पताल में उस समय हड़कंप मच गया। जब अस्पताल प्रबंधन को पता चला कि कलेक्टर और एसपी परिसर में मौजूद हैं और निरीक्षण कर रहे हैं। कलेक्टर की मौजूदगी का पता चलते ही सीएमओ डॉ यत्नेश त्रिपाठी और डॉ अलख प्रकाश मौके पर पहुंच गए। कलेक्टर ने अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे थे। जीएमएच में बने पर्ची काउंटर का अवलोकन करने के बाद एसजीएमएच में भी पर्ची काउंटर का निरीक्षण किया। इसके अलावा कक्ष क्रमांक 7 में व्यवस्थाएं देखी। कलेक्टर ने प्रबंधन से पर्ची काउंटर की व्यवस्था को और दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यहां लगने वाली भीड़ को कम किया जाए। इसके अलावा हेल्प डेस्ट का भी अवलोकन किया। कलेक्टर, एसपी अस्पताल परिसर में करीब एक घंटे तक थे। इस दौरान डॉक्टर और कर्मचारियों में हड़कंप मचा रहा लेकिन कुछ ही वार्डों और जगहों का निरीक्षण करने के बाद कलेक्टर वापस लौट गए। सूत्रों की मानें तो कलेक्टर और एसपी मुख्य रूप से संजय गांधी अस्पताल में बने कैदी वार्ड का अवलोकन करने आए थे। इसके साथ ही अन्य सुविधाओं का भी जायजा लेने लग गए। शाम करीब 6 बजे से 7 बजे तक कलेक्टर, एसपी अस्पताल में मौजूद रहे। अस्पताल प्रबंधन को स्वास्थ्य सुविधाओं में और अधिक सुधार करने के निर्देश दिए हैं।
पहली मर्तबा निरीक्षण करने पहुंचे
पूर्व कलेक्टर डॉ इलैया राजा टी के स्थानांतरण के बाद रीवा की कमान कलेक्टर मनोज पुष्प के पास है। डॉ इलैया राजा टी और कमिश्नर रीवा संभाग रीवा ने अस्पताल की सुविधाओं और व्यवस्थाओं को पटरी पर लाने के लिए हफ्ते में एक दिन निरीक्षण के लिए तय किया हुआ था। कलेक्टर के बदलने के बाद वह क्रम टूट गया। कमिश्नर और कलेक्टर का निरीक्षण का दौर खत्म हो गया। यही वजह है कि संजय गांधी अस्पताल में व्यवस्थाएं बेपटरी हो गई हैं। पदस्थापना के बाद से यह पहली मर्तबा है कि कलेक्टर मनोज पुष्प ने एसजीएमएच पहुंच कर निरीक्षण किया। इससे हड़कंप की स्थिति तो बनी लेकिन ज्यादा देर तक कायम नहीं रह पाई।