रीवा। शहरी क्षेत्र में भले ही पेयजल के नाम पर अरबो रुपए फूंके जा चुके हो लेकिन पेयजल की समस्या से हर कोई परेशान है। नए शहर में तो समस्या है ही लेकिन इससे कही ज्यादा समस्या पुराने रीवा में है। पेयजल के लिए जनता मोहताज है। हालांकि निगमायुक्त मृृणाल मीना के द्वारा जन समस्याओं पर ध्यान दिया गया है। हाल ही में निगमायुक्त के आदेश पर 37 करोड़ रुपए का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इस 37 करोड़ रुपए से पेयजल का कार्य शहर में किया जाएगा। इसमें शहरी क्षेत्र की पेयजल समस्याओं को शामिल किया गया है। बता दे कि यदि इसको स्वीकृति मिल गई तो शहरी क्षेत्र में पेयजल सुविधाओं का विस्तार होगा और लोगो को गंदे पानी से निजात मिलेगी और जहां पानी नहीं है वहां पानी पहुंचेगा। बता दे कि पानी की समस्या को लेकर लंबे समय से मांग की जा रही थी लेकिन किसी अधिकारी के द्वारा कोई सुनवाई नहीं की गई लेकिन निगमायुक्त मृणाल मीना ने इसे गंभीरता से लिया और पेयजल समस्या को दूर करने बजट के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।
स्वीकृति मिली तो होंगे यह कार्य—
बता दे कि नगर निगम द्वारा भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकृति मिलती है तो शहरी क्षेत्र में इंटेकबेल 32 एमएलडी, वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट 18 एमएलडी, उच्च स्तरीय टंकिया 5500 केएल, रॉ वॉटर एवं क्लियर एवं विद्युत पंपिंग में 17500 मीटर, स्काडा सिस्टम एक जेओबी, एचटी फीडर एवं विद्युत सबस्टेशन 1 जेओबी, डिस्ट्रीब्यूशन पाइप लाइन 24 किमी. बिछाई जाएगी। बता दे कि फिलहाल निगम ने इस प्रस्ताव के अनुसार कुठुलिया में इंटेकवेल व वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना में है। इसके अलावा अन्य कार्य अवश्यकता के अनुसार किए जाएंगे। बता दे कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने झंडारोहण के दौरान 26 जनवरी 2021 को रीवा को 37 करोड़ की सौगता नगर निगम के कार्यो के लिए दी थी। जिसके बाद निगम से प्रस्ताव मांगा गया था। पेयजल की समस्या विकराल है इसलिए निगमायुक्त ने इसे प्राथमिकता दी और पेयजल के लिए प्रस्ताव तैयार करा शासन को भिजवाया।
प्रस्ताव में देरी से होगा घाटा——
बता दे कि सीएम की घोषणा जनवरी में हुई थी लेकिन प्रस्ताव जुलाई में भेजा गया, इस बात को लेकर भी तरह तरह की चर्चाएं हो रही है कि अधिकारियों ने सीएम की घोषणा के बाद प्रस्ताव भेजने में इतना समय लग दिया जबकि पेयजल के लिए कई बार पूर्व में प्रस्ताव समश्या के हिसाब से बनाये जा चुके है। चर्चाओ में कहा जा रहा है की सीएम शिवराज सिंह की बात पर भी अधिकारी गंभीर नही हुए एयर इतना समय लगा डाला। जिससे निगम को राशि में घाटा भी सहना पड़ सकता है। जानकारों की माने तो 20 प्रतिशत एसओआर में बढ़ोत्तरी हुई है, इससे रेट और काम में अंतर आएगा जिससे निगम को घाटा होगा। हालांकि फिलहाल स्वीकृति नहीं मिली। इस संबंध में पूर्व वित्त प्रभारी नीरज पटेल का कहना है कि रानी तालाब रा वाटर पॉइंट पर बहुत ही दूसित पानी जमा हो रहा है। अधिकारी कर्मचारियो से कई बार आग्रह किया गया की इसे बदला जाए। इस पर ध्यान देना चाहिए। 26 जनवरी में सीएम शिवराज सिंह जी ने घोषणा की थी कि 37 करोड रुपये निगम को पेयजल के लिए दिया गया। इस संबंध में प्रस्ताव मांग की गई थी लेकिन अशिकारियो ने इसे भेजने में काफी देरी की है। तत्काल जन समश्याओ को देख प्रस्ताव भेजना चाहिए था। वर्तमान में कार्यप्रणाली देख लग रहा है कि अभी वर्षो जनता को पेयजल के लिए परेशान होना पड़ेगा। जो निराशाजनक है। नया एस ओ आर आ गया है इससे निगम को वित्तीय हानि भी होगी।