रीवा। मकर राशि मे होगा पांच ग्रहों का संगम होने जा रहा है। मकर राशि में शनि लगभग 25 माह से गोचर कर रहा है। अब 26 फरवरी को दोपहर 3.49 पर मंगल का प्रवेश अपनी उच्च राशि मकर में हो जाएगा। आगामी 4 फरवरी को मकर राशि में ही बुध मार्गी गति से गोचररत् हैं। ऐसे ही 27 फरवरी को प्रात:काल 10.15 पर शुक्र का प्रवेश भी मकर राशि में होगा। इस प्रकार से देखने को मिल रहा है कि मकर राशि में शनि, मंगल, बुध, तथा शुक्र यह चार ग्रह गोचर कर रहे हैं। चंद्रमा का प्रवेश 27 फरवरी दोपहर 2.22 पर मकर राशि में होगा और यहां से मकर राशि में पांच ग्रहों की पंचायत लग जाएगी। क्योंकि चंद्रमा ढाई दिन में अपना राशि परिवर्तन कर देता है इसलिए पांच ग्रहों का यह जमावड़ा तब तक रहेगा जब तक चंद्रमा इनके साथ रहेगा। अर्थात 1 मार्च को सायंकाल 4.25 पर चंद्रमा का प्रवेश कुंभ राशि में हो जाएगा और इसी के साथ मकर राशि में पंच ग्रहों की युति भंग हो जाएगी। लेकिन फिर भी मकर राशि में 4 ग्रहों का योग बना रहेगा, जो 6 मार्च को बुध के कुंभ में गोचर करने के पश्चात समाप्त होगा।
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शनि की राशियों में रहेंगे ग्रह
ज्योतिर्विद राजेश साहनी ने बताया कि मकर राशि में 5 ग्रहों का जमावड़ा 27 फरवरी से लेकर 1 मार्च तक अर्थात सिर्फ 3 दिनों के लिए होने जा रहा है। यहां पर एक उल्लेखनीय योग और बन रहा है, राहु एवं केतु वर्तमान समय में वृषभ तथा वृश्चिक राशि में विराजमान है। 27 फरवरी से लेकर 3 मार्च तक चंद्रमा सहित समस्त साथ ग्रह शनि की राशियों मकर तथा कुंभ में ही गोचर करेंगे। चंद्रमा 3 मार्च को रात्रि 8 बजे मीन राशि में प्रवेश करेगा तथा उसके पश्चात यह दुर्लभ संयोग भी समाप्त हो जाएगा। तात्पर्य है कि 27 फरवरी से लेकर 3 मार्च तक समस्त सात ग्रहों पर शनि का आधिपत्य रहेगा। निश्चित तौर पर शनि प्रधान राशियों का वर्चस्व स्थापित होगा तथा उन्हें अपने जीवन में असाधारण घटनाएं इसके पश्चात की कुछ अवधि तक भी देखने को मिल सकती हैं।
पंचग्रही योग के प्रभाव
बताते हैं कि गत 17 फरवरी से 18 मार्च के मध्य फाल्गुन मास में ही इन ग्रह स्थितियों का निर्माण होने जा रहा है तथा इसी अवधि में कुछ राज्यों के चुनावी नतीजे भी आने हैं। इस माह में इन ग्रह स्थितियों के चलते राजनीतिक उलटफेर होने का अनुमान है। मौसम में भी अचानक परिवर्तन के संकेत हैं। तापमान में वृद्धि हो सकती है लेकिन कुछ स्थानों पर तेज हवाओं के साथ वर्षा से मौसम प्रभावित हो सकता है। शनि, मंगल की युति के फलस्वरुप कहीं एक बड़ी दुर्घटना की संभावना दिख रही है अथवा कोई बड़ा प्राकृतिक प्रकोप भी देखने को मिल सकता है। शनि मंगल की युति 12 राशियों पर ही लागू हो रही है, इसलिए इस अवधि में हम सभी को वाहन चालन में सावधानी बरतनी चाहिए तथा अनावश्यक खतरा जीवन में नहीं उठानी चाहिए। वाहन की गति पर नियंत्रण सभी राशि वालों के लिए अनिवार्य है।
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